नई दिल्ली: तीन दशक पहले ये बंगला (Bungalow) रामविलास पासवान को अलॉट हुआ था. 2020 में उनके निधन के बाद रामविलास पासवान के बाद उनके बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) चाहते थे कि ये बंगला उन्हें अलॉट हो जाए, क्योंकि ये बंगला केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों (Union Cabinet Ministers) के लिए आरक्षित है. चिराग पासवान को पहले से नॉर्थ एवेन्‍यू में फ्लैट अलॉटेड है इसलिए लगभग एक साल पहले इसे खाली करने को लेकर चिराग पासवान को नोटिस दिया गया था.


बंगला खाली करवाने पहुंची टीम


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नोटिस (Notice) मिलने के बाद उन्होंने ये कहते हुए समय मांगा था कि पिता की पहली बरसी के बाद बंगला खाली हो जाएगा. इस सिलसिले में बुधवार को सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) की टीम पहुंची और बंगले को खाली करवाने की कार्यवाही शुरू की गई. 35 साल से ऊपर स्वर्गीय रामविलास पासवान के अलावा उनके परिवार के लोग इसी बंगले में रहते थे.


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चिराग पासवान की बड़ी कोठी की मांग


बता दें कि इसी बंगले से चिराग पासवान जमुई (Jamui) से दो बार सांसद (Member Of Parliament) बने. बतौर सांसद चिराग पासवान को नॉर्थ एवेन्यू (North Avenue) में बंगला अलॉट किया गया था लेकिन जानकारी मिली कि वो बंगला भी चिराग पासवान ने छोड़ दिया है. चिराग पासवान अपने लिए बड़ी कोठी की मांग कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने दलील दी कि उनको पार्टी (Party) की गत‍िव‍िध‍ियों के लिए भी जगह चाहिए होती है. आवास में वह पार्टी की गत‍िव‍िध‍ियां भी चलाएंगे इसलिए उनको बड़ी कोठी चाहिए.


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1989 से रामविलास पासवान के नाम पर थी कोठी


यहां पर रहने वाले लोग बताते हैं कि 1989 में रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) जब पहली बार केंद्रीय मंत्री बने थे, तब से यह कोठी उनके नाम पर थी और 2022 तक भी उनके नाम पर है. बता दें कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) के नाम पर दूसरी कोठी अलॉट की गई है. हालांकि जानकारी के मुताबिक चिराग पासवान अब उसको भी सरकार को सौंप चुके हैं.


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