Interesting Village Of India: भारत का वो गांव जहां एक साथ रहते हैं `अमिताभ`, `सलमान` और `शाहरुख`
Most Unusual Names: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू (Karnataka village weird names) से 400 किमी दूर भद्रापुर गांव में बच्चों के नाम मशहूर हस्तियों पर रखे जाते हैं. इस गांव के बच्चों के नाम पूरी तरह से हाईफाई सोसायटी और बॉलिवुड सितारों को नाम पर होते हैं. इस गांव में आपको हाई कोर्ट (High Court), सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court), गूगल (Google), ओबामा (Obama) और कांग्रेस (Congress) नाम के बच्चे गली-गली में घूमते दिख जाएंगे.
भारत में एक ऐसा गांव (Villagers name on celebrities and things) भी है जहां के बच्चों के नाम सिर्फ मशहूर बॉलिवुड हस्तियों और खिलाड़ियों के नाम रखे जाते हैं. इतना ही नहीं यहां रहने वाले बहुत से बच्चों के नाम किसी बड़े ब्रैंड के नाम पर भी हैं. यहां आपको कांग्रेस और ओबामा का घर भी दिख जाएगा.
शुरुआत में इस गांव के लोगों के नाम फलों और जानवरों से जुड़े हुए होते थे. जैसे-जैसे यह लोग दुनिया की चीजों के बारे में जानने लगे वैसे-वैसे ये लोग अपने बच्चों के नाम उन जानी-मानी चीजों और हस्तियों के नामों पर रखने लगे. हालांकि ऐसा होने में इंटरनेट क्रांति का भी बड़ा योगदान रहा है.
इस गांव में रहने वाले लोगों के नाम अमिताभ, सलमान, शाहरुख और आमिर भी हैं.
शहरी लोगों के संपर्क में आने के बाद से इस गांव के लोगों का नाम रखने का पैटर्न बदल गया. धीरे-धीरे मशहूर अभिनेताओं और खिलाड़ियों के नाम जानने पर यहां के लोगों ने उनके नामों पर अपने बच्चों का नाम रखने शुरू कर दिया. साथ ही राजनेताओं का नाम जानने पर यहां के लोगों ने अपने बच्चों के नाम मशहूर राजनेताओं के नाम पर ही करना शुरू कर दिया.
बॉलीवुड हस्तियों और खिलाड़ियों तक तो ठीक था लेकिन हैरानी कि बात तो यह है कि यहां के बच्चों का नाम विदेशी कंपनियों के नाम पर भी होते हैं. यहां आपको एलिजाबेथ, कॉफी और मैसूर पार्क भी खेत खलिहानों के बीच मिल जाएंगे.
इस गांव के अभिनेता और वस्तुओं के नाम के अलावा, विश्व के अलग-अलग देशों के नामों के आधार पर बच्चों के नाम रखे जाते हैं. इस गांव में आपको अमेरिका, जापान और रूस नाम के बच्चे भी मिल जाएंगे.
अजीबोगरीब नाम वाले लोगों भरपूर इस गांव में लाइसेंस और पासपोर्ट भी मिल जाएंगे.
बेंगलुरू के इस गांव में हक्की-पिक्की नामक जनजाती के लोग रहते हैं. यह लोग मूलतः भद्रपुर नाम के इस गांव में पाए जाते हैं. हक्की-पक्की नाम की यह जनजाति मूल रूप से जंगलों में रहती थी. लेकिन 1970 के दशक में कर्नाटक सरकार ने इन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अलग इंतजाम किये थे. पांच दशक पहले की कोशिशें ऐसी रंग लाईं जिसका अंदाजा आप यहां के बच्चों के नाम और विकास दोनों से लगा सकते हैं.
इस गांव में आपको अमेरिका, जापान और रूस नाम के बच्चे भी मिल जाएंगे. कुछ समय पहले ही अमेरिका और जापान नामक दो गांववालों की मौत हो चुकी है.