नई दिल्ली: गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है. हालांकि याचिका कल गुरुवार देर रात कोर्ट में दायर की गई जिसमें विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने की आशंका जताई की गई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

याचिकाकर्ता के वकील घनश्याम उपाध्याय का कहना है कि वो आज ही सुनवाई की मांग करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में विकास को एनकाउंटर से बचाने की मांग की गई थी. इसके अलावा विकास के घर, मॉल को ढहाने के मामले में FIR दर्ज करने और पूरे मामले की जांच CBI को सौंपने की भी मांग की गई है.


याचिका में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट से लग रहा है कि विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में गार्ड को खुद ही जानकारी दी थी. उसने मध्य प्रदेश पुलिस को खुद ही गिरफ्तारी दी ताकि मुठभेड़ से बच सके.


ये भी पढ़ें- Kanpur: जानिए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी, कब क्या हुआ?


बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आज सुबह 7:15 बजे से 7:35 के बीच यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया. कानपुर पहुंचते ही विकास दुबे ने अपना इलाका जानकर यूपी एसटीएफ की टीम से पिस्तौल छीनने की कोशिश की जिसके बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई.


गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश करने लगा. जिसके बाद यूपी एसटीएफ ने विकास का पीछा किया तो विकास ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग कर दी. फिर यूपी एसटीएफ ने भी जवाबी फायरिंग की और उसे सरेंडर करने को कहा लेकिन वो नहीं माना.


इसके बाद यूपी एसटीएफ ने सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे को मार गिराया. इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया.