नई दिल्ली : योजना आयोग के अस्तित्व को लेकर पिछले कुछ समय से चल रहीं अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इसे समय के अनुरूप बदलने के बारे में विचार-विमर्श के लिए उन्होंने सात दिसंबर को मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।


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लोकसभा में प्रश्नकाल में योजना आयोग को पुनर्परिभाषित और पुनर्गठित करने के संबंध में एक प्रश्न पर प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना आयोग के समयानुकूल परिवर्तन को लेकर विस्तार से परामर्श किया है। इस विषय में रचि रखने वाले, अनुभव रखने वाले और इसका ज्ञान रखने वाले लोगों के सुझाव लिये गये हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पहली बार सदन में प्रश्नकाल के दौरान किसी प्रश्न का जवाब दिया है।


उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैंने सात दिसंबर को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है जिसमें इस विषय पर विस्तार से उनके साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के विनसेंट एच पाला और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय के योजना आयोग के संबंध में एक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। हालांकि पाला और राय साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर अपनी पार्टियों द्वारा वाकआउट के चलते प्रधानमंत्री के जवाब के समय सदन में उपस्थित नहीं थे। उक्त प्रश्न के लिखित जवाब में योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि चूंकि राज्य की भूमिका और अर्थव्यवस्था की स्थिति, दोनों में विगत कुछ दशकों से परिवर्तन आ रहे हैं, इसलिए सरकार अपने आयोजना तंत्र की निरंतर समीक्षा करने की जरूरत के प्रति सचेत है।


उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न मंचों से सुझाव मांगे हैं और इस विषय पर व्यापक परामर्श भी कर रही है। नये संस्थान के संबंध में सुझाये गये नामों आदि सहित अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं जिन्हें वेब पोर्टल ‘मायजीओवी.एनआईसी. इन’ पर देखा जा सकता है।