Rajasthan : लोकसभा चुनाव 2024 ने बहुत कुछ बदल दिया है. देश को एक मजबूत विपक्ष मिला है, तो वहीं कांग्रेस को संजीवनी. राजस्थान में भी 10 साल बाद कांग्रेस में इन चुनाव परिणामों ने जान फूंक दी है. लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है, तो वो है सचिन पायलट और गहलोत के बीच का रिश्ता.
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Rajasthan : लोकसभा चुनाव 2024 ने बहुत कुछ बदल दिया है. देश को एक मजबूत विपक्ष मिला है, तो वहीं कांग्रेस को संजीवनी. राजस्थान में भी 10 साल बाद कांग्रेस में इन चुनाव परिणामों ने जान फूंक दी है. लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है, तो वो है सचिन पायलट और गहलोत के बीच का रिश्ता.
दरअसल सचिन पायलट से जब मीडिया ने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की हार पर सवाल किया तो उनका जवाब हार पर चुटकी लेने जैसा था. जो कि ये साबित करता है कि पार्टी में अंतरूनी कलह जारी है. सचिन पायलट से जब ये पूछा गया कि वैभव गहलोत सीट बदलकर भी चुना नहीं जीत पाए, आप क्या कहेंगे.
सवाल के जवाब में पायलट ने कहा कि कई जगह हम जीत नहीं पाए और मेहनत करेंगे. वैभव पिछली बार भी नहीं जीत पाए थे. इस बार भी जीत हासिल नहीं कर सके. अगली बार और मेहनत करेंगे और कहीं और से जीतकर आएंगे. आपको याद दिला दें कि वैभव गहलोत ने जोधपुर से चुनाव लड़ा था और हारे थे.
इस बार जोधपुर से सीट बदलकर जालोर में कांग्रेस ने वैभव गहलोत को उतारा था, यहां भी उनकी हार हुई. ऐसे में पायलट ने अगले चुनाव में फिर से सीट बदलने के संकेत दिए और चुटकी ली. याद दिला दें कि चुनाव प्रचार के समय जालोर में प्रचार के लिए प्रियंका गांधी आई थी. लेकिन सचिन पायलट ने प्रचार नहीं किया था.
जिस पर पूछने पर सचिन पायलट ने कहा था कि जो मुझे बुला रहा है और पार्टी जहां भेज रही है, वहीं प्रचार के लिए जा रहा हूं. जिस पर अशोक गहलोत ने कहा था कि सचिन आते तो सब वेबकम करते, चुनाव में कोई बुलाता है तो कोई नहीं बुलाता है. सब अपने समीकरण देखते हैं. इसलिए इसमें बुरा मानने जैसी कोई बात नही है.
मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा की हमनें शेखावाटी में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसका फायदा भी हमें दिखा है. युवाओं को मौका देने से फायदा हुआ है. पायलट ने कहा कि 30 साल से ये सिलसिला चल रहा है कि हम सरकार बनाते हैं और दूसरी बार हार जाते है. इस बार लोकसभा चुनाव में गहन चिंतन किया और काफी सीट जीती