Wayanad: केरल की वायनाड लोकसभा सीट से यूडीएफ गठबंधन की प्रत्याशी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके संविधान के समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रियंका ने दावा किया कि भाजपा के पिछले 10 साल के शासन में देश में विभाजन की राजनीति देखने को मिली है जहां सत्तारूढ़ दल ने सत्ता में बने रहने के लिए जनता का ध्यान उनकी वास्तविक समस्याओं से हटाने का प्रयास किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रियंका गांधी ने खुद को बताया ‘योद्धा
प्रियंका गांधी ने कहा कि वह एक ‘योद्धा’ हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह वायनाड के लोगों के लिए संसद और हर दूसरे मंच पर लड़ेंगी ताकि उनके मुद्दों का समाधान निकल सके. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीछे नहीं हटूंगी. मैं आपके लिए लड़ूंगी. मैं आपको निराश नहीं करूंगी. अब हम एक परिवार हैं.’’


पहली बार चुनाव लड़ रही प्रियंका
प्रियंका चेरूकोडे के अलावा वनदूर विधानसभा क्षेत्र के थुवूर और कालिकावू कस्बों में और निलाम्बुर विधानसभा के पूकोट्टूमपदम में भी नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करेंगी. अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका गांधी वाद्रा सात नवंबर तक केरल में रहेंगी.


13 नवंबर को होगा वायनाड लोकसभा उपचुनाव
वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा. वायनाड सीट के लिए उपचुनाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि वायनाड और रायबरेली दोनों जगहों से लोकसभा चुनाव जीतने वाले राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया.


वायनाड की जनता को रिझाने पर जुटीं प्रियंका
मलप्पुरम जिले की वानदूर विधानसभा में चेरूकोडे में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि जब ऐसे लोग राजनीति में शक्तिशाली हो जाते हैं तो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं के समाधान पर ध्यान नहीं रहता. कांग्रेस नेता ने वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए अपने पांच दिवसीय प्रचार अभियान के चौथे दिन आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में देश में किसानों या मध्यम एवं लघु उद्यमों के लिए कोई समर्थन प्रणाली नहीं है. उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होते हैं और बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करते हैं, लेकिन उन्हें किसानों की तरह ही समर्थन की जरूरत है.


कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वायनाड में मसालों जैसे उच्च गुणवत्ता के कृषि उत्पादों की पैदावार होती है, लेकिन किसानों को खेती में कोई भविष्य नजर नहीं आता और छात्र एवं अन्य लोग बेहतर रोजगार अवसरों तथा उच्च शिक्षा की तलाश में विदेश चले जाते हैं. उन्होंने पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे विषय भी उठाए. इनपुट भाषा