कोलकाता: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के विरोध में मंगलवार को हो रहे प्रदर्शन को खदेड़ने गई पुलिस पर बम फेंका गया है. इस हमले में हावड़ा के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अजीत सिंह यादव घायल हो गए हैं. पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर पिछले चार दिनों से विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो चुकी हैं. इस वजह से राज्यपाल ओपी धनखड़ भी कह चुके हैं कि संवैधानिक पद पर होते हुए सीएम ममता बनर्जी का किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होना असंवैधानिक है.


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सीएम ने विरोध प्रदर्शनों को बताया 'छिटपुट घटनाएं'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए 2019 के विरोध में प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई व्यापक हिंसा को छिटपुट घटनाएं बताया है. उन्होंने रेलवे परिसरों पर तोड़फोड़ तथा आग लगाने की घटनाओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे क्षेत्र रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकार में आते हैं ना कि राज्य पुलिस के अधिकार में.


ममता बनर्जी ने इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सीएए के विरोध में कोलकाता के बीच से भारी विरोध रैली निकाली थी और लोगों को राज्य में एनआरसी की कोई गतिविधि नहीं लागू करने और नागरिकता कानून लागू नहीं होने देने की शपथ दिलाई थी. उन्होंने कहा, 'हमारा नारा है 'बंगाल में नो सीएबी, नो एनआरसी'.'


बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में नए नागरिक कानून (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवा बंद की गई है.


वहीं सूत्रों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना के बशीरहाट और बारासात सब-डिविजनों और दक्षिणी 24 परगना जिले के बारुइपुर और कनिंग सब डिविजन में भी इंटरनेट सेवा बंद की गई है. पुलिस का कहना है कि इन क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटना जारी है.


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