नितीन पाटणकर, पुणे: हाइटेक रोबोट अब पानी की पाइपलाइन की लीकेज का पता लगाएगा. पुणे नगर निगम ने पानी का लीकेज रोकने के लिए हाइटेक रोबोट टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया है. अब तक पाइपलाइन के रखरखाव और मरम्मत के लिए पानी की आपूर्ति रोकनी पड़ती थी. साथ ही इसमें पानी और वक्त भी बर्बाद होता था. इसी के मद्देनजर पुणे नगर निगम ने नई रोबोट टेक्नोलॉजी अपनाई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चौबीस घंटा पानी योजना के तहत पुणे नगर निगम ने रोबोट का इस्तेमाल प्रायोगिक तौर पर शुरू किया है. इससे पहले पुणे में पाइपलाइन की मरम्मत या रखरखाव के कार्य के लिए शहर की पानी आपूर्ति पर असर पड़ता था लेकिन अब ऐसा होगा नहीं. पानी की लीकेज रोकने के लिए यह रोबोट पाइपलाइन में उतरेगा.


कैमरा-लाइट से लैस इस रोबोट में यह टेक्नोलॉजी है जिससे 2 किलोमीटर तक पानी की पाइपलाइन की लीकेज खोज सकता है. इसके साथ पाइपलाइन का कचरा और छोटी दरारें भी रोबोट ढूंढ लेगा. इसके लिए रोबोट को लैपटॉप से जोड़ा गया है. लैपटॉप पर आप वॉटर रोबोट के जरिए भेजी गई पाइपलाइन के अंदर की वीडियो देख सकेंगे, जिससे पाइपलाइन के अंदर के लीकेज का पता चलेगा.
 
एल एंड टी कंपनी हाइटेक रोबो बना रही है. पाइपलाइन के साइज के अनुसार छोटे-बड़े रोबोट बनाए जाएंगे. बंद पाइपलाइन के दोनों बाजू से एक किलोमीटर तक रोबोट काम करता है. इस रोबोट के आगे और पीछे कैमरा लगाए गए हैं.


इसके कैमरे की वीडियो सीधे आप लैपटॉप पर देख सकेंगे. पाइप में लीकेज के साथ खराब हुए पार्ट की खोज करता है. एक किलोमीटर की लीकेज ढूंढने के लिए चार घंटे लगते हैं. इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लगभग 15 फीसदी पानी की लीकेज कम होगी.


शहर में फिलहाल 30 से 40 फीसदी पानी का रिसाव होता है. इस रोबोट से पानी का रिसाव कम होगा. पाइप लाइन की मरम्मत का समय बचेगा. साथ ही खर्चा भी कम आएगा. रोबोट टेक्नोलॉजी से पाइप से होनी वाली पानी आपूर्ति बंद करने की अब आवश्यकता नहीं होगी.


पुणे नगर निगम की पानी आपूर्ति विभाग के चीफ इंजीनियर व्हीजी कुलकर्णी ने बताया कि वॉटर रोबोट पाइपलाइन में लीकेज और कचरे का पता लगाएगा. इससे समय की बचत होगी और पाइप लाइन लीकेज का पता लगाने के लिए अब खुदाई की जरूरत नहीं होगी. अंडरग्राउंड पाइप की लीकेज का पता लगाने के लिए खुदाई करनी पड़ती थी. वॉटर रोबोट के आने से इसकी जरूरत नहीं होगी.