अशोक शेखावत/सीकर: राजस्थान के सीकर जिले में पूरे सप्ताह हुई ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. 4 दर्जन से अधिक गांवों में भारी ओलावृष्टि से खराब फसल से प्रभावित किसान सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे है. वहीं, जनप्रतिनिधियों ने भी सरकार से प्रभावित किसानों के फसल खराबे की सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग की है.
बता दें कि, इसी सप्ताह सीकर जिले में भारी ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि से धोद, दातारामगढ, श्रीमाधोपुर व खंडेला इलाके में किसनों की फसल चौपट हो गई. कहीं चने के आकार के तो कहीं नीबूं के आकार के ओले गिरे. कई इलाकों में तो ओलों की चादर बिछ गई आसमा से बरसी आफत से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है. वहीं, गांवों में हुई ओलावृष्टि से खेतों में खडी मेथी, सरसों, प्याज, गेहूं, चना और जौ की फसलें खराब हो गई. किसानों ने ओलावृष्टि से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग की है.
जहां ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हो गई वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी प्रभावित इलाको का दौरा कर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती पूर्व विधायक गोवर्धन वर्मा धोद से कांग्रेस के विधायक परशराम मोरदिया सहित कई जनप्रतिनिधियों ने ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों से मुलाकात की और खेतों में जाकर फसल खराबे का जायजा लिया. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने किसानों के फसल खराबे का सर्वे करवाकर मुआवज देने की मांग की है.
फसल खराबे के बाद प्रशासन ने भी किसानों, किसान संगठनों व जनप्रतिनिधियों की मांग पर फसल खराबे के सर्वे की कारवाई भी शुरू की है. सीकर अतिरिक्त जिला कलक्टर जयप्रकाश ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सरकार को मुआवजे के लिए भेजी जाएगी.
प्रकृति व मौसम के बदलाव से हुई ओलावृष्टि ने किसानों के पानी फेर दिया है. अब ओलावृष्टि से प्रभावित किसान को सरकार से ख्राबे के घाव पर मुआवजे की मर्रहम का इंतजार कर रहे है. अब देखना है कि कब सर्वे रिपोर्ट जाती है और कब और कितने मुआवजे की घोषणा होती है.