Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता छात्रा को स्कूल प्रशासन ने घटना के बाद स्कूल आने से न सिर्फ मना कर दिया बल्कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए उसको प्रवेश पत्र तक नहीं दिया. इसके अलावा बीते दिन प्रदेश के करौली में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां एक मजिस्ट्रेट ने दलित रेप पीड़िता से कहा कि कपड़े उतारकर अपने जख्म दिखाओं.
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Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता एक स्कूली छात्रा के साथ स्कूल प्रशासन की ओर से मानवीय संवेदनाओं को चीर कर देने वाली शर्मनाक घटना सामने आई है. सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता छात्रा को स्कूल प्रशासन ने घटना के बाद स्कूल आने से न सिर्फ मना कर दिया बल्कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए उसको प्रवेश पत्र तक नहीं दिया.
अपने साथ हुई इस दोहरी घटना से आहत पीड़िता ने बाल कल्याण समिति को इस संबंध में पत्र लिखा. इसके बाद घटना सामने आई है. पीड़िता के साथ पिछले साल अक्टूबर महीने में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी, जिसके बाद गूगल थाने में मुकदमा भी दर्ज हो गया था.
घटना के बाद पीड़िता जब स्कूल में नियमित अध्ययन के लिए पहुंची तो वहां टीचर्स ने उसे स्कूल आने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उसके स्कूल आने से माहौल खराब होगा और बेहतर है कि वह स्कूल ना आए और परीक्षा के समय उसे बुला लिया जाएगा.
4 महीने बाद जब बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने को थी तब पीड़िता को बोर्ड परीक्षा का प्रवेश पत्र भी स्कूल प्रशासन की ओर सेउपल मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा ने तुरंत प्रसंग ज्ञान लिया. साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ित छात्रा का शैक्षणिक सत्र खराब ना हो इसके लिए भी कहा है.
साथ ही पत्र की एक कॉपी जिला कलेक्टर को भी सौंप गई है. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी बाल कल्याण समिति बातचीत कर रही है और पीड़िता को विधिक मदद उपलब्ध करवाई जा रही है. हालांकि बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गई है लेकिन बाल कल्याण समिति प्रयास कर रही है कि बोर्ड की सप्लीमेंट्री परीक्षाओं के दौरान पीड़िता को बैठने की अनुमति मिल सकें.
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