राजगढ़ में सर्वजातीय विवाह सम्मेलन का आयोजन, 15 जोड़े बने हमसफर
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राजगढ़ में सर्वजातीय विवाह सम्मेलन का आयोजन, 15 जोड़े बने हमसफर

सर्वजातीय 15 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधे तो राजगढ़ भैरवधाम बाबा भैरव एवं चम्पालाल महाराज के जयकारों से गूंजायमान हो उठा. 

राजगढ़ में सर्वजातीय विवाह सम्मेलन का आयोजन, 15 जोड़े बने हमसफर

नसीराबाद: नसीराबाद के पास राजगढ़ में सर्वजातीय विवाह सम्मेलन में 15 जोड़े हमसफर बने. यह सभी वर-वधु किसी एक समाज के नहीं बल्कि विभिन्न समाज के होने के कारण अनूठा रहा. इतना ही नहीं बल्कि वर-वधु के परिवार या किसी भी व्यक्ति से एक रुपये भी नहीं लिया गया और वर-वधु को उपहार, हजारों लोगों को भोजन, आकर्षक सजावट आदि का समस्त खर्चा मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ द्वारा वहन किया गया. इस आयोजन की क्षेत्र में पुरजोर शब्दों में सराहना की जा रही है.

नसीराबाद के निकट विख्यात मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ चैरिटेबिल ट्रस्ट के तत्वाधान में मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज के पिता स्व: मदनलाल एवं धर्म पिता ईन्दरलाल जोशी की स्मृति में 7वां सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ. 

मुख्य उपासक चंपालाल महाराज ने बताया कि सामूहिक विवाह के तहत परिणय सूत्र में बंधने आए 15 वर घोड़ी पर सवार होकर बैंड बाजों के साथ बिंदौली के रूप में सदर बाजार होते हुए राजगढ़ भैरव धाम मंदिर पहुंचे. बिन्दौली का जगह-जगह स्वागत किया गया. बाराती नाचते गाते हुए उत्साहपूर्वक साथ चल रहे थे. 

बैंडबाजों के साथ 15 दूल्हों की बारात ने भव्य पाण्डाल में प्रवेश किया. पाण्डाल के गेट पर बारात का स्वागत व सामूहिक तोरण की रस्म अदा की गई. वरमाला पाणिग्रहण संस्कार विदाई कार्यक्रम हुआ. सर्वजातीय 15 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधे तो राजगढ़ भैरवधाम बाबा भैरव एवं चम्पालाल महाराज के जयकारों से गूंजायमान हो उठा. 

आकर्षक साज सज्जा, भोजन, व्यवस्था, विवाह कार्यक्रम आदि की सराहना की गई. वर.वधू पक्ष के साथ उनके आए हुए रिश्तेदारों, अतिथियों एवं ग्रामवासियों ने विवाह सम्मेलन में सामूहिक भोज का आनन्द लिया.

सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर मुख्य उपासक चंपालाल महाराज ने सभी धर्मों के व्यक्तियों को एक माला के रूप में पिरोकर जो संदेश दिया और सभी जातियों का सामूहिक विवाह सम्मेलन राजगढ़ धाम की पावन धरती पर करवाया है. 

आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि मसाणिया भैरव धाम चैरिटेबिल ट्रस्ट ने किसी भी व्यक्ति विशेष, संस्था, भामाशाह या वर वधुओं से कोई भी राशि किसी भी शुल्क के रूप में या दान अथवा चन्दा के रूप में नहीं ली. जो कि अपने आप में एक अनोखी मिसाल है. चम्पालाल महाराज के कार्यो की प्रशंसा शब्दों के माध्यम से नहीं की जा सकती है. 

राजगढ़ धाम पर सैन रत्न चम्पालाल महाराज द्वारा किए जा रहे पुनीत कार्य व सामाजिक सरोकार के कार्य सराहनीय है. इस अवसर पर सर्वधर्म मैत्री संघ के पदाधिकारी प्रकाश जैन, फादर कॉसमॉस शेखावत, दिलीप सिंह छाबड़ा, सरदार कश्मीर सिंह, गेंदघर दरगाह के सदर रजि जाफरी आदि ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया.

वर-वधु को राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ के मुख्य उपासक चंपालाल महाराज ने सोने का मंगलसूत्र, सोने का नाक का कांटा, चांदी की पायजेब जोड़ी, चांदी की बिछिया, सफारी सूट, बक्सा, बिस्तर, अलमारी, छत का पंखा, टेबल, गैस चूल्हा, चार प्लास्टिक कुर्सियां, दीवार घड़ी, दो प्रेस, कंबल, तकिया, बेडशीट, गद्दा, नॉन स्टिक तवा, थर्मश, स्टील की बड़ी टंकी, स्टील की चरी, स्टील की बाल्टी, घरेलु उपयोग में काम आने वाले लगभग सभी बर्तन आदि कुल 85 नग उपहार में दिए गए.

इस सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में अभिषेक, ममता, दिलीप, प्रियंका, दीपक, हर्षिता, बलवीर, पूजा, हेमंत, मोनिका, पुष्पेंद्र, बसंती, हेमंत, दिव्या, कमल, भावना, चतुर्भुज, प्रियंका, राजेंद्र, सोनू, ज्ञानचंद, रेखा, विनय, रेणुका परिणय सूत्र में बंधे. यह वर वधू अजमेर, गुलाबपुरा, विजयनगर, भीलवाड़ा, राजगढ़, किशनगढ़, नागौर, राजसमंद, दांता, पंचमता, भिनाय आदि स्थानों के रहने वाले हैं.

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