ब्यावर में धूम-धाम से मनाया गया आवंला नवमी, व्रत रखकर महिलाओं ने की अराधना
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ब्यावर में धूम-धाम से मनाया गया आवंला नवमी, व्रत रखकर महिलाओं ने की अराधना

Beawar News: ब्यावर में मंगलवार को धूम-धाम से मनाया गया आवंला नवमी का पर्व. आवंला नवमी के शुभ अवसर पर महिलाओं के द्वारा व्रत रखकर आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना की गई. 

 

फाइल फोटो

Beawar News: राजस्थान के ब्यावर शहर में मंगलवार को आंवला नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हिन्दू संस्कृति में आंवला नवमी के पर्व को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है. आंवला नवमी के शुभ अवसर पर महिलाओं के द्वारा व्रत रखकर आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना की गई. 

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अक्षय नवमी के नाम से भी प्रसिद्ध आंवला नवमी के पर्व के दौरान रंगीन परिधानों में सजी-धजी महिलाओं ने आवंला के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति तथा उसकी रक्षा के लिए पूजा की. इस मौके पर व्रतधारी महिलाओं ने आवंले के पेड़ के आसपास साफ-सफाई करते हुए पेड़ की जड़ों में पानी तथा दूध भी चढ़ाया, तथा वहां मिट्टी लेकर माथे पर लगाई. 

पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया
इसके साथ ही व्रतधारी महिलाओं ने आवंला के पेड़ के तने पर कच्चा सूत व मोली बांधकर आठ बार प्ररिक्रमा भी की और पेड़ के नीचे बैठकर भोजन भी किया. अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर आज महिलाओं ने पवित्र नदियों में स्नान करके इस पावन पर्व का शुभ आरंभ किया था.   

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आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाने का विशेष महत्व 
आपको बता दें कि वैसे तो पूरे कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान का माहात्म्य है, परंतु नवमी को नदि में स्नान करने से अक्षय पुण्य होता है. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाने और उसे ग्रहण करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक नामक दैत्य को मारा था. 

मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं
इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि आंवला नवमी पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने से पहले तीन वनों की परिक्रमा की थी. आंवला नवमी पर बहुत से लोग मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं. संतान प्राप्ति के लिए की गई पूजा पर व्रत भी रखा जाता है और इस दिन, रात में भगवान विष्णु को याद करते हुए जगराता किया जाता है. 

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कई महिलाएं हुई शामिल
मंगलवार को शहर के टाटगढ़ रोड स्थित ब्रह्मानंद धाम में आंवला नवमी पर पूजा करने वाली महिलाओं में शरबती देवी सेन, सविता भूतडा, सुनिता गुप्ता, नेहा सांखला, दुर्गा देवी, अंजू देवी, प्राची सांखला, शांति देवी, भंवरी देवी तथा अर्चना देवी सहित अन्य महिलाएं शामिल थी.

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