अरांई पंचायत समिति के ढिगारिया तेलीयान गाँव में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया. कथा प्रारम्भ होने से पूर्व आचार्य पण्डित शिवरतन दाधीच के सानिध्य में गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई. इसके उपरांत बालाजी मंदिर में भागवत कथा प्रारंभ हुई.
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Kishangarh: अरांई पंचायत समिति के ढिगारिया तेलीयान गाँव में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया. कथा प्रारम्भ होने से पूर्व आचार्य पण्डित शिवरतन दाधीच के सानिध्य में गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई. इसके उपरांत बालाजी मंदिर में भागवत कथा प्रारंभ हुई. भागवत कथा के प्रवचन के दौरान कथा वाचक पण्डित सम्पत कुमार शर्मा साम्प्रोदा ने कहा कि 18 पुराणों में श्री मद भागवत महापुराण सबसे बड़ी है और भागवत कथा के श्रवण मात्र से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
24 सालों से हो रही है भागवत कथा
गाँव के समाजसेवी दशरथ सिंह राठौड़ ने बताया कि गाँव में श्रद्धा और धार्मिक भावना, इतनी मजबूत है कि ग्रामीणों के सामूहिक से मिलकर बालाजी मंदिर में भागवत कथा का आयोजन करवाया जाता है. यह आयोजन पिछले 24 सालों से हो रहा जिसमें ग्रामीणों की श्रद्धा से कार्यक्रम का आयोजन होता है.
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पूर्णाहुति के दिन होता है ब्रह्म भोज
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल भागवत कथा की पूर्णाहुति के दिन हवन यज्ञ होता है और ब्रह्म भोज का आयोजन किया जाता है. जिसमें पूरे गाँव का भोजन बनता है. प्रसाद के रूप में गाँव में गुजरने वाले सभी लोगों को भोजन कराया जाता है और आसपास के गांवों के ब्राह्मणों को भी भोजन करवा कर दक्षिणा दी जाती है.
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