नववर्ष के प्रथम माह में आयोग ने दी अभ्यर्थियों को सौगात, 10 साल से लंबित OTR को मात्र 40 दिन में किया लागू
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नववर्ष के प्रथम माह में आयोग ने दी अभ्यर्थियों को सौगात, 10 साल से लंबित OTR को मात्र 40 दिन में किया लागू

सोमवार को आयोग परिसर में आयोजित संक्षिप्त समारोह में अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन का शुभारंभ किया. इस अवसर पर डॉ. राठौड ने कहा कि आयोग परिवार अभ्यर्थियों के हित में सुविधाओं का विस्तार करने को सदैव प्रतिबद्ध है.

 

राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यालय का चित्र

Ajmer: राजस्थान लोक सेवा आयोग ने देश-प्रदेश के अभ्यर्थियों को नव वर्ष की सौगात दी है. सोमवार को आयोग परिसर में आयोजित संक्षिप्त समारोह में अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन का शुभारंभ किया. इस अवसर पर डॉ. राठौड ने कहा कि आयोग परिवार अभ्यर्थियों के हित में सुविधाओं का विस्तार करने को सदैव प्रतिबद्ध है. गत वर्ष दिसंबर माह में आयोग द्वारा अभ्यार्थी परिवेदना पोर्टल और 76 भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया था. वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के माध्यम से सभी अभ्यर्थियों को विशेषकर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले अभ्यर्थियों को सहूलियत मिलेगी.

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डॉ. राठौड ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि आवेदनों में नाम की वर्तनी, पिता का नाम, गृह जिला आदि जैसी जानकारियों की प्रविष्टि के समय गलती रह जाती है. इसके कारण अभ्यर्थियों को और आयोग को भी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है. कई बार अभ्यर्थियों द्वारा गलती सुधारनें के लिए पुनः आवेदन तक कर दिया जाता है. ऐसे में आयोग को एक ही व्यक्ति के 2 से अधिक आवेदन भी प्राप्त होते हैं. इन आवेदनों में से एक आवेदन को मान्यता देना व दूसरे को खारिज करना पडता है.

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आयोग द्वारा दिए गए संशोधन के अवसर पर भी अभ्यर्थियों का अमूल्य श्रम व धन व्यय होता है. इन सबसे भर्ती प्रक्रिया में भी विलंब होता है साथ ही अभ्यर्थियों द्वारा की गई त्रुटि अनवाश्यक वादकरण का कारण भी बनती है. अभ्यर्थियों की इस समस्या पर आयोग द्वारा काफी समय से गहन अनुसंधान के बाद प्रकिया विकसित करने का कार्य किया जा रहा था. अत्यंत हर्ष का विषय है कि सोमवार के आयोग द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा सका है. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आयोग के नवाचारों की श्रंखला में ऑन स्क्रींन मार्किंग की भांति यह प्रक्रिया भी मील का पत्थर सिद्ध होगी.डॉ. राठौड ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के मध्य आयोग द्वारा पूर्ण निष्पक्ष तरीके से शुचिता पूर्ण भर्ती परीक्षाओं व साक्षात्कारों का आयोजन किया गया है.  अभिस्तावना तक के कार्य आयोग द्वारा त्रीव गति से सम्पन्न किए जा रहे हैं. विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम, पदौन्नति बैठकों का आयोजन, अभिस्तावना प्रेषित करना व आगामी परीक्षाओं की कार्ययोजनाओं पर आयोग द्वारा निर्बाध गति से कार्य किया जा रहा है.

स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में भी दर्शाइ गई प्रणाली
डॉ. राठौड ने बताया कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर स्टेंडिग कमेटी की बैठक के दौरान भी चर्चा की गई थी. आयोग की इस प्रक्रिया की बैठक में उपस्थित सभी आयोग अध्यक्षों द्वारा सराहना की गई है. वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्त्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है. आयोग के नवाचारों को अभ्यर्थियों तक पंहुचानें में मीडिया समूहों ने भी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया है. इसलिए मीडिया कर्मियों से आग्रह है कि आयोग के सकारात्मक कार्यों को आगे भी देश-प्रदेश के युवा अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का प्रयत्न करते रहें.

आज की सुविधा भविष्य की सोचः सचिव अटल
सचिव एचएल अटल ने कहा कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आवेदन प्रक्रिया को अत्यंत सरल बना देगी. अभ्यार्थी मात्र एक बार विवरण दर्ज करेगा और इसका उपयोग आयोग की अन्य भर्ती परीक्षाओं में आवेदन करते समय कर सकेगा. आयोग द्वारा वर्तमान की सुविधा के साथ भविष्य की सोच का भी इस प्रक्रिया के निर्माण में ख्याल रखा गया है. भविष्य में इस प्रक्रिया का उपयोग साक्षात्कार व काउंसलिंग के समय दस्तावेजों के प्रमाणीकरण में भी किया जा सकेगा.

प्रणाली के संवर्धन व नवाचारों पर निरंतर कार्य जारी 
ग्रामीण व दूर-दराज के क्षेत्रों में निवासरत अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए अन्य व्यक्तियों व जगह से आवेदन करना पडता है. इस वजह से कभी कभी फोटो, हस्ताक्षर और अन्य मूल विवरण भरने में त्रुटि रह जाती है. इसके फलस्वरूप अभ्यर्थियों को अनावश्यक आर्थिक नुकसान व कष्ट उठाना पड़ता है. इसलिए आयोग द्वारा अभ्यर्थियों के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है. भविष्य में भी आयोग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के अन्य नवाचार व प्रणाली के संवर्धन का कार्य किया जाता रहेगा.

दो समान प्रोफाइल होने पर होगा सत्यापन 
वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में यदि डुप्लीकेट अभ्यार्थी प्रदर्शित होता है, तो उसको अस्थाई तौर पर अनुमत करते हुए फार्म भरने दिया जावेगा.पर आयोग बाद में उसका सत्यापन कर उसे अलग अभ्यार्थी होने की दशा में ही ओटीआर नंबर देगा. अन्यथा उसको पूर्व में दिये गये ओ.टी.आर. नम्बर एवं एसएसओआईडी में विलय करेगा. अभ्यार्थी को एसएमएस से सूचित किया जाएगा. प्रथम बार आवदेन पश्चात अभ्यार्थी द्वारा अन्य परीक्षा अथवा विषय में आवेदन के समय पूर्व में प्रविष्ट किया गया पूर्ण डेटा प्रदर्शित होगा ताकि पुनः संपूर्ण विवरण नहीं भरना पडे़.

Report: Manveer

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