मांडलगढ़ उपखंड क्षेत्र में बीगोद के पास नया गांव स्थित एक ईंट भट्टा संचालक ने खुद के स्वामित्व की भूमि से अधिक आम रास्ते की भूमि को कब्जे में ले लिया है और पत्थरों की दीवार बनाकर मिट्टी के ढेर लगा दिए. इससे किसानों और मवेशियों को खेतों पर जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.
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Mandalgarh: भीलवाड़ा के मांडलगढ़ उपखंड क्षेत्र में बीगोद के पास नया गांव स्थित एक ईंट भट्टा संचालक ने खुद के स्वामित्व की भूमि से अधिक आम रास्ते की भूमि को कब्जे में ले लिया है और पत्थरों की दीवार बनाकर मिट्टी के ढेर लगा दिए. इससे किसानों और मवेशियों को खेतों पर जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.
जालिया ग्रामपंचायत के खैरपुरा के किसान बालू लाल, दूदा लाल, रामलाल और नारायण लाल गुर्जर सहित अन्य ग्रामीणों ने उक्त समस्या को लेकर मांडलगढ़ एसडीएम और तहसीलदार को गत वर्ष 6 सितंबर को लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने पर भीलवाड़ा कलेक्टर को शिकायत प्रेषित कर आम रास्ते को खुलासा करने की मांग की है.
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पीड़ित किसानों द्वारा कलेक्टर को प्रेषित पत्र में बताया कि खेरपुरा नयागांव से लगती सीमा पर नेशनल हाइवे 758 सड़क किनारे हमारे खेती की जमीनें हैं. खेतों पर जाने वाला आमरास्ता आराजी संख्या 59 राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है. इस आम रास्ते पर ईंट भट्टा संचालक रामप्रसाद और सोलाल जाट ने पत्थरों की दीवार बनाकर मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर लगा दिए.
इसके निकट में एक स्टोन कटर फैक्ट्री मालिक ने भी रास्ते में कब्जा कर लिया है, जिससे खेतों का रास्ता अवरुद्ध हो गया है. वहीं, ईंट भट्टे के निकट सरकारी भूमि आराजी संख्या 60 पर भी खाई खोदकर अतिक्रमण कर लिया है.
इस मामले में किसानों ने आरोप लगाया कि ईंट भट्टा संचालक और स्टोन कटर मालिक धनाढ्य और राजनीतिक प्रभावशाली होने के कारण स्थानीय पटवारी ने भी इन अतिक्रमियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है. दूसरी ओर ग्रामीणों ने पत्र में बताया कि ईंट भट्टे के लिए अवैध खनन कर लाई गई हजारों टन मिट्टी और भट्टे पर निवासरत बाहरी श्रमिकों की जांच कराने की मांग की है.
Reporter- Mohammad Khan