आदर्श ग्राम योजना के जरिए सांसद के इस गांव का है बुरा हाल, सड़क पर चलना भी है दुर्भर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1276718

आदर्श ग्राम योजना के जरिए सांसद के इस गांव का है बुरा हाल, सड़क पर चलना भी है दुर्भर

राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव  के जरिए 2016- 17 के बीच सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लिया गया गांव भावता फिलहाल अपनी बदहाली के लिए आंसू बहा रहा है .

आदर्श ग्राम योजना के जरिए सांसद के इस गांव का है बुरा हाल, सड़क पर चलना भी है दुर्भर

Ajmer News: राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव  के जरिए 2016- 17 के बीच सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लिया गया गांव भावता फिलहाल अपनी बदहाली के लिए आंसू बहा रहा है . बारिश ने इस गांव की हालत और भी  खराब कर रखी है. राज्यसभा सांसद रहते हुए भूपेंद्र यादव के जरिए गांव में कई कार्य करवाए गए और सड़कों के साथ ही पानी की पाइप लाइन और विकास के आयाम भी स्थापित किए गए, लेकिन इन सभी का रख रखाव सही तरीके से नहीं हुआ जिसके कारण अब स्थिति विकराल रूप ले रही है.

ये भी पढ़ें- जब भूखे बच्चे खाना मांगते हैं, तो एक गरीब मां की आत्मा मर जाती है

 अजमेर से भावता बुधवाड़ा की ओर जाने वाली मुख्य सड़क बारिश के इस मौसम में नदी बनी हुई है. डूमाड़ा गांव से भांवता तक जाना लोगों के लिए हंसी को न्योता देने जैसा है. बीच-बीच में बड़े गड्ढे और जलभराव ग्रामीणों के साथ ही आने जाने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं.  इस रोड के निर्माण को लेकर सेक्शन मिलने के बावजूद भी निर्माण कार्य नहीं करवाया जा रहा है,जिसके कारण स्थिति और भयावह हो रही है. 

इस पर स्थानीय लोगों का कहना है कि, इस सड़क पर भारी-भरकम वाहन भी चलते हैं, जिसके कारण सड़क की स्थिति साल भर में ही खराब हो जाती है. इशके अलावा इलाके में अवैध खनन, भारी भरकम बजरी और पत्रों के रख चलने के कारण सड़क कुछ ही समय में टूट जाती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.

 इस सड़क पर अंबा, मजीतिया, नदी गांव के साथ ही पीसांगन और पिछवाड़ा जाने वाले कई लोग रोजाना सफर करते हैं. ऐसे में उनके लिए अजमेर आना जाना परेशानी का सबब बना हुआ है. सभी ने इस संबंध में जिला प्रशासन से उचित कार्रवाई करते हुए जल्द सड़क निर्माण कराने की मांग की है जिससे कि वह इस बारिश के मौसम में अपने निवास स्थान पर सही ढंग से पहुंच सके.

स्थानीय लोगों का कहना है कि, अगर भावना के साथ ही आस-पास के गांव में कोई दुर्घटना या डिलीवरी होती है तो उसे अस्पताल तक ले जाना भी मुश्किल होता है. इस सड़क से वाहन निकालना सुमित पैदल चलना भी संभव नहीं है. ऐसे में तस्वीर प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे कि दुर्घटना में डिलीवरी के समय लोगों की जान बचाई जा सके.

Reporter: Ashok singh Bhati

अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news