मंदिर तोड़ने पर बीजेपी नेताओं ने सरकार पर बोला हमला, सीएम गहलोत जनता से माफी मांगें
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मंदिर तोड़ने पर बीजेपी नेताओं ने सरकार पर बोला हमला, सीएम गहलोत जनता से माफी मांगें

  राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में 100 से ज्यादा मकानों और दुकानों समेत 300 साल पुराने मंदिर तोड़ने को लेकर बीजेपी सत्तारुढ़ दल कांग्रेस पर हमलावर है.

मंदिर तोड़ने पर बीजेपी नेताओं ने सरकार पर बोला हमला, सीएम गहलोत जनता से माफी मांगें

अलवर:  राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में 100 से ज्यादा मकानों और दुकानों समेत 300 साल पुराने मंदिर तोड़ने को लेकर बीजेपी सत्तारुढ़ दल कांग्रेस पर हमलावर है. बीजेपी ने गहलोत सरकार से माफी मांगने की मांग की है और पीड़ितों को मुआवजा देने की अपील की है.  इस पूरे मामले की जांच के लिए बीजेपी ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसी कड़ी में बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम राजगढ़ पहुंच चुकी है.

इस कमेटी में सांसद सुमेधानंद सरस्वती, राजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, बृज किशोर उपाध्याय और भवानी मीणा भी शामिल हैं. इसके अलावा शुक्रवार देर रात राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा रात से बावड़ी वाले मंदिर में धरने पर बैठे हुए हैं. राजगढ़ में बीजेपी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दीं. बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार की सहमति से पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलाया गया है. यह हिंदुओं के आस्था पर हमला है. नेताओं ने सरकार से माफी की मांग की है. साथ ही पीड़ितों को उचित मुआवजा देने का आग्रह किया है. 

राजगढ़ में मकानों-दुकानों और मंदिर तोड़ने का मामला
बता दें कि राजगढ़ में सराय बाजार में शुक्रवार को नगर पालिका प्रशासन की कार्रवाई में करीब 100 से ज्यादा मकानों और दुकानों समेत पुराने तीन मंदिर तोड़े गए हैं. मंदिर तोड़े जाने के बाद बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला. हालांकि, राज्य सरकार ने भी बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया. संसदीय राज्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बीजेपी बोर्ड ने मंदिर तोड़ा है, इस बारे में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई. धार्मिक स्थलों को तोड़ने से पहले राज्य सरकार से अनुमति ली जाती है, जबकि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार के इशारों पर मंदिर तोड़ा गया है, वहां के स्थानीय विधायक के बेटे दुष्कर्म मामले में फंसे हुए हैं, इसलिए सरकार उनको खुश करने के लिए ऐसी घिनौनी हरकत की है. 

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