...तो इस वजह से मनाया जाता है 16 दिसंबर को विजय दिवस, यहां जानिए पूरी कहानी
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...तो इस वजह से मनाया जाता है 16 दिसंबर को विजय दिवस, यहां जानिए पूरी कहानी

भारत पाक 1971 के युद्ध भारत की विजय दिवस के रूप 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया गया. इस दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गयी .

 

...तो इस वजह से मनाया जाता है 16 दिसंबर को विजय दिवस, यहां जानिए पूरी कहानी

Alwar: अलवर कंपनी बाग स्थित शहीद स्मारक पर 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के अवसर पर विजय दिवस मनाया गया. इस अवसर पर आर्मी स्टेशन कमांडर व कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली , जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर , जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने युद्ध में शहीद हुए सेना के जवानों को पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी .

इस दौरान शहीद हुए जवानों की वीरांगनाओं को कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी और आर्मी अधिकारी ने शॉल उड़ाकर सम्मानित किया. गौरतलब है कि इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना के जवानों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी हार से परास्त किया था.

जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है. ऐसे में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विजय दिवस मनाया गया. मंत्री टीकाराम जूली ने बताया 16 दिसंबर 1971 को पूरा देश विजय दिवस के रूप में मनाता है. उन्होंने इस दौरान 4 शहीद की वीरांगनाओं और युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों का माला और शॉल उठाकर उनका सम्मान किया. जूली ने कहा कि देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है. हमें सर्वप्रथम देश की रक्षा को अग्रणी रूप से मानकर देश सेवा करनी चाहिए.

सैनिक कल्याण समिति के अधिकारियों ने बताया कि पूरा देश 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाता है इस दिन भारतीय सेना ने अपने युद्ध कौशल व अपनी बहादुरी का परचम युद्ध को जीत के रूप में दर्शाया था. साथ ही पाकिस्तान की सेना को घुटनों पर ला दिया था.

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