Rajasthan News: राजस्थान में कृषि उपज मंडी अलवर बीते 4 सालों में कपास का हब बनकर उभरा है. इससे पहले किसानों का झुकाव खैरथल कृषि उपज मंडी की तरफ था. लेकिन इन दिनों अलवर कृषि उपज मंडी में बड़ी संख्या में किसान अपने कपास को लेकर पहुंच रहे हैं. इस साल किसानों को कपास का अच्छा दाम भी मिल रहा है, जिसके चलते रोजाना करीब 2500 हजार पोटली अलवर कृषि उपज मंडी में पहुंच रही है.


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अलवर में होने वाली कपास की अच्छी गुणवत्ता के कारण इसकी मांग यूरोपीय देशों में भी अधिक रहती है. अलवर की कपास बीते कई सालों में बांग्लादेश में बड़ी मात्रा में जाती रहती था, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण वर्तमान में बांग्लादेश में अलवर की कपास नहीं जा रही है. कृषि मंडी अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने बताया कि अलवर की कपास आस-पास के मीलों तक जाती है, जिसके जरिये वह विदेशों तक पहुंचती है.


 



विदेशों तक पहुंच रही कपास 


अलवर के ढाढोली गांव के किसान जगदीश ने बताया कि इस बार अलवर मंडी में कपास के भाव अच्छे मिल रहे हैं. किसान करीब 400 किलो कपास लेकर आया है. एक बीघा कपास की खेती करने में करीब 6 हजार रुपये की लागत लगती है और उस लागत से 7 क्विंटल कपास की पैदावार होती है. कृषि विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ने बताया कि इस बार 2024 में अलवर में कपास की बुवाई 17079 हेक्टेयर में की गई थी. 



वहीं पिछले वर्ष 2023 में यह रकबा 22314 हैक्टेयर था. कृषि मंडी अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने बताया कि अलवर की कपास, खैरथल, बहरोड़, कोटपूतली सहित अन्य 25 से ज्यादा मीलों पर जाती है. उन्होंने बताया कि अलवर की कपास से मिलने वाली रुई गुजरात, पंजाब, हरियाणा व भीलवाड़ा तक जाती है.


 



अलवर के रूई से धागा बनाया जाता है, जिसकी डिमांड फ्रांस, डेनमार्क व पोलैंड सहित अन्य यूरोपीय देशों तक है. वहां इससे प्रीमियम क्वालिटी का कपड़ा तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले बांग्लादेश में वर्तमान में राजनीतिक अस्थिरता के चलते कपास नहीं पहुंच पा रही है.


 



मंडी में कपास की आवक बढ़ी


सुरेश जलालपुरिया के बताए अनुसार अलवर कृषि उपज मंडी में पिछले कई दिनों से करीब 2500 पोट कपास की आवक हो रही है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इस बार बीते वर्ष की तुलना में कपास की गुणवत्ता अच्छी है. अलवर मंडी में वर्तमान में कपास के दाम 7500-7700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहे हैं. जिसके वजह से किसान अलवर मंडी में अपनी कपास को लाने को इच्छुक हैं. 



सुरेश जलालपुरिया ने बताया कि बीते कई वर्षों तक खैरथल कृषि उपज मंडी में कपास का केंद्र बना हुआ था, लेकिन बीते 4 सालों में अलवर कृषि उपज मंडी कपास का हब बन गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में खैरथल, बड़ौदामेव, गोविंदगढ़ सहित अन्य मंडियों की तुलना में अलवर कृषि उपज मंडी में कपास की अच्छी आवक है.