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Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में विधानसभा चुनावों को लेकर मतदान 25 नवम्बर को होना है. मतदान के 10 दिन बचे है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं की सभा कर दोनों ही पार्टियों से खिसके आदिवासी वोट बैंक को साधने का प्रयास किया जाएगा. कल 16 नवंबर को सबसे पहली सभा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की होगी. इसके अगले दिन 17 नवंबर की कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और फिर 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा सागवाड़ा में होने वाली है. भाजपा ओर कांग्रेस इन सभाओं से वागड़ और मेवाड़ की 19 विधानसभा सीटो को साधने का प्रयास करेंगे.
विधानसभा चुनावों के नामांकन के बाद भाजपा ओर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के दौरे बढ़ जायेंगे. भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया आसपुर और डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियो के लिए दोवड़ा में जनसभा को संबोधित करेंगी. उनके दौरे को लेकर भाजपा ने तैयारिया शुरू कर दी है. आसपुर विधानसभा सीट अभी भाजपा के पास है. जबकि डूंगरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का विधायक है. इससे पहले 2013 में इस सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत हासिल की थी. भाजपा एक बार फिर इस सीट को अपने खाते में करने का प्रयास कर रही है.
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सागवाडा में जनसभा करेगी. प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी रहेंगे. डूंगरपुर की 4 विधानसभा सीटो में से कांग्रेस के पास अभी सिर्फ डूंगरपुर से विधायक है. कांग्रेस का परंपरागत आदिवासी समाज का वोट बैंक अब बीटीपी ओर बीएपी में खिसक गया है. ऐसे में प्रियंका गांधी खिसके हुए आदिवासी वोट बैंक को एक बार फिर कांग्रेस के पाले में लाने के लिए प्रयास करेगी. इसके बाद 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सागवाड़ा में सभा प्रस्तावित है. हालाकि अभी उनका फाइनल प्रोग्राम नही आया है. लेकिन भाजपा कांग्रेस की सभा वाली जगह पर पीएम की सभा को लेकर तैयारी कर रही है. पीएम मोदी डूंगरपुर की 4, बांसवाड़ा की 5, प्रतापगढ़ जिले की 2 ओर उदयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटो को साधने का प्रयास करेंगे.
वागड़ और मेवाड़ में जिस पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है उसी की प्रदेश में सरकार बनी है. ये भी बड़ी वजह है की वसुंधरा राजे, प्रियंका गांधी और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभाएं वागड़ में हों रही है. डूंगरपुर की 4 विधानसभा में भाजपा ओर कांग्रेस के पास एक - एक सीट ही है. जबकि 2018 के चुनाव में पहली बार मैदान में आई भारतीय ट्राइबल पार्टी बीटीपी ने चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा सीटो पर जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था. इस बार बीटीपी के साथ ही उससे टूटकर अलग बनी बीएपी भी मैदान में है. ऐसे भाजपा ओर कांग्रेस को बीटीपी ओर बीएपी से बड़ी चुनौती मिलती हुई दिखाई दे रही है.