मानगढ़ में विकास को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने,केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कही ये बड़ी बात
मानगढ़ धाम की पहाड़ी को 17 नवंबर 1913 में ब्रिटिश सेना से घेर लिया था और गोलीबारी की. इस गोलीबारी में 1500 आदिवासी समाज के लोग शहीद हुए थे. संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में इन सभी आदिवासी भाइयों ने अपनी जान दी.
Banswara: बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पर इन दिनों विकास को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस और भाजपा अपनी अपनी सरकार में किए गए विकास को बताकर शह ले रही है और दोनों ही पार्टी ने अपने अपने अर्जुन को आगे किया है. बीजेपी से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल तो कांग्रेस से जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया यह दोनों ही मंत्री मानगढ़ में किए गए अपनी अपनी सरकार के विकास की बात कर रहे हैं.
राजस्थान का जलियांवाला बाग कहे जाने वाला मानगढ़ धाम इन दिनों खूब सुर्खियों में है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को आदिवासियों की शहादत स्थली मानगढ़ धाम पर आएंगे. पीएम मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे. इस दौरे से पहले बांसवाड़ा जिले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मानगढ़ धाम के विकास को लेकर अपने अपने दावे कर रही हैं. कांग्रेस की ओर से जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने प्रेस वार्ता कर पीएम से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है.
जिससे इसकी पहचान देश विदेश में हो.मानगढ़ धाम के विकास को लेकर अशोक गहलोत सरकार हमेशा से आगे रही है. गहलोत पहले जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री है जो मानगढ़ धाम पहुंचे थे और इसका विकास कार्य शुरू किया था. वहीं दूसरी ओर बीजेपी से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि मानगढ़ धाम का विकास किसने किया वो वहां पर लगे शिलान्यास पट्टिका में दिख रहा है. राजस्थान में हमारी बीजेपी सरकार ने मानगढ़ धाम का बहुत विकास किया है.
मानगढ़ धाम पर दोनों ही पार्टी के अर्जुन अपने अपने तीर चला रहे हैं और अपनी पार्टी की बात कर रहे है पर मानगढ़ धाम का जो विकास अबतक होना चाहिए था वो हो नहीं सका,और जो पहचान मानगढ़ धाम को मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिल सकी है. अब देखने वाली बात यह है की पीएम के इस दौरे में मानगढ़ धाम को लेकर खास क्या घोषणा होती है.
1913 में हुए थे 1500 शहीदम
मानगढ़ धाम की पहाड़ी को 17 नवंबर 1913 में ब्रिटिश सेना से घेर लिया था और गोलीबारी की,इस गोलीबारी में 1500 आदिवासी समाज के लोग शहीद हुए थे. संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में इन सभी आदिवासी भाइयों ने अपनी जान दी.1913 में हुए इस सामूहिक नरसंहार में कई लोगों ने अपनी जान दी थी. मानगढ़ धाम को राजस्थान का जलियांवाला बाग भी कहा जाता है. इस धाम को जो पहचान मिलनी चाहिए थी और जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हो पाया है. मानगढ़ धाम आस्था और भक्ति का सबसे बड़ा केंद्र है. यहां राजस्थान,गुजरता और एमपी से लोग बड़ी संख्या में आते है.
प्रदेश सरकार के जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बताया कि इस पूरे जनजाति अंचल की तरफ से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करता हूं कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करें ,क्योंकि 1913 में मानगढ़ धाम पर जलियांवाला बाग की तरफ 1500 आदिवासी भाई शहीद हुए थे. इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे तो आदिवासी समाज का मान सम्मान बढ़ेगा और मानगढ़ धाम को पहचान देश और विदेश में मिलेगी. मानगढ़ धाम का विकास जब जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहे है उन्होंने किया है ,अशोक गहलोत पहले ऐसे मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधि है जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब मानगढ़ धाम गए थे ,तभी से उन्होंने वहां पर विकास करवाना शुरू कर दिया था.
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि मानगढ़ धाम पर 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा है. वह यहां पर मानगढ़ धाम के विकास को लेकर घोषणा करेंगे. हमारी पार्टी लगातार मानगढ़ के विकास को लेकर आगे रही है.भाजपा की जब-जब सरकार राजस्थान में रही है हमने मानगढ़ धाम का विकास किया है . धाम पर गुजरात की सीमा पर हो या राजस्थान सीमा पर हो लगातार भाजपा सत्ता में रही है उन्होंने यहां पर विकास किया है. मानगढ़ धाम हमारी राजनीति का विषय नहीं है ,यह हमारी आस्था का विषय है.
Reporter- Ajay Ojha
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