बारां के अंता में कालीसिंध नदी उफान पर, मकान और खेत पानी में डूबे, स्कूलों में छुट्टी
कालीसिंध नदी में ढ़ाई दशक बाद इस तरह का तेज उफान आया और नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया
Anta : राजस्थान के बारां के अंता क्षेत्र के पलायथा कालीसिंध में उफान से इससे सटी बस्तियां डूबने लगी है और लोगों को नुकसान हुआ है. कालीसिंध में आए उफान से सावराजी की बावड़ी का रास्ता अवरुद्ध हो गया. कालीसिंध की पुरानी पुलिया पर लगभग 70 फिट पानी भरा हुआ है, वहीं पलायथा मुक्तिधाम पर लगभग 15 फीट पानी बह रहा था. इस दौरान कालीसिंध में आए तूफान को देखने के लिए सैंकड़ों लोग नई पुलिया पर जमा दिखे.
पानी से बस्ती के निचले इलाकों में नुकसान को लेकर लोग चिंतित है. लोग प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं. माली मोहल्ले में कई लोगों के घरों में चूल्हे भी नहीं जले और खाना तक नहीं बन पाया. यहां लोग अपना सामान निकालने में व्यस्त रहे, लेकिन फिर भी 30 से ज्यादा मकानों में लोग सामान नहीं निकाल पाए.
कालीसिंध नदी में ढ़ाई दशक बाद इस तरह का तेज उफान आया और नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया. इसके पहले 1996 में ऐसा ही उफान नदी में आया था. गांव के बुजुर्ग चंपालाल सुमन ने बताया कि ऐसा पानी 1972 में आया था. सोमवार रात्रि से ही पानी बढ़ने लगा, जो मंगलवार को शाम तक बढ़ रहा था. इससे पलायथा कस्बे के करीब 60 मकान जलमग्न हो गए और निचली बस्तियों में पानी भर गया.
बीजेपी वरिष्ठ नेता और पूर्व सरपंच अवधेश पंचोली ने बताया कि लोगों को लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. चंपालाल सुमन, भगवती प्रसाद सुमन, लोकेश सुमन, घनश्याम रेशवाल, कृष्ण गोपाल सुमन, भैरूलाल सुमन, गोबरीलाल सुमन, धनराज सुमन, मधु सुमन, रमेश सुमन, शंकर सुमन सहित बड़ी संख्या में मकानों में पानी भर गया. बाड़ियों में फसलों सोयाबीन, तिल्ली, उड़द सहित चारा डूबकर नष्ट हो गए. पंचोली ने प्रशासन से जमीनी सर्वे करवाकर लोगों के हुए नुकसान के लिए शीघ्र मुआवजा दिलवाने की मांग की है.
स्कूल बंद
बारिश के बाद नदी के उफान पर आने के बाद से ही निचले इलाकों में पानी भरा है, रेलवे स्टेश खाड़ी की पुलिया पर पानी आ जाने से ट्रैफिक बंद है, वहीं नयापुरा, कवासपुरा, गुलाबबाड़ी और शिवाजी चौक में पानी भर गया. इधर संस्कृत स्कूल में पानी की निकासी नहीं होने से स्कूल बंद है.
रिपोर्टर- राम मेहता
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