प्रदेश में सरकारी भर्तियों ओबीसी आरक्षण का मसला गरमाया हुआ है. विडम्बना भरी नौबत ये आई हुई है कि सरकार पर विपक्ष के नेताओं से ज़्यादा सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता ही सरकार से मांग करने सड़कों पर उतर आये हैं. मंत्री और पूर्व मंत्री से लेकर मौजूदा विधायक सहित कई सीनियर नेता अपनी ही सरकार से इस गतिरोध को जल्द से जल्द समाधान खोजकर ख़त्म करने की मांग उठा रहे हैं.
Trending Photos
Barmer: ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने को लेकर दूर करने के लिए पूर्व राजस्व मंत्री बायतु विधायक हरीश चौधरी के साथ अब वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी भी मैदान में आ गए हैं और ओबीसी के अभ्यर्यों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हाल ही में वन विभाग में प्रक्रियाधीन भर्तियों में रोस्टर बनाकर सीएम गहलोत और कार्मिक विभाग को भेजने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को मंत्री हेमाराम चौधरी ने निर्देश दिए हैं. वहीं पूर्व मंत्री हरीश चौधरी में समय रहते ओबीसी वर्ग को सरकार ने हक नहीं दिया तो महाभारत होने की चेतावनी दे डाली है.
यह भी पढे़ं- कांग्रेस की तिरंगा रैली में गिर गए नेताजी, गाड़ी के ऊपर खड़े होकर झंडा लहराते समय लड़खड़ाया कदम
प्रदेश में सरकारी भर्तियों ओबीसी आरक्षण का मसला गरमाया हुआ है. विडम्बना भरी नौबत ये आई हुई है कि सरकार पर विपक्ष के नेताओं से ज़्यादा सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता ही सरकार से मांग करने सड़कों पर उतर आये हैं. मंत्री और पूर्व मंत्री से लेकर मौजूदा विधायक सहित कई सीनियर नेता अपनी ही सरकार से इस गतिरोध को जल्द से जल्द समाधान खोजकर ख़त्म करने की मांग उठा रहे हैं.
दरअसल, सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों में बदलाव के बाद ओबीसी वर्ग के युवाओं को हाल ही में वन विभाग की भर्तियां प्रक्रियाधीन है उसमें ओबीसी को सबसे ज्यादा नुकसान होने की बात सामने आई है.जिसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने वन विभाग के अधिकारियों को ओबीसी आरक्षण का रोस्टर बना कार्मिक विभाग को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.
हेमाराम चौधरी ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
हेमाराम चौधरी ने कहा कि अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द इसको सुधारने के लिए कार्मिक विभाग को लिखने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं. मंत्री हेमाराम चौधरी ने ओबीसी वर्ग से आने वाले युवाओं की आवाज उठाते हुए कहा कि जिस तरीके से भूतपूर्व सैनिकों का 12.50% आरक्षण है. उसको महिलाओं की तरह अलग से उनका कोटा रखना चाहिए. ओबीसी युवाओं की मांग जायज है और जो विसंगति हो गई है इसको सुधारना बहुत ही जरूरी है.
सरकार को स्पष्ट शब्दों में दी चेतावनी
2018 में परिपत्र जारी कर ओबीसी आरक्षण में किए गए फेरबदल को लेकर पूर्व मंत्री और बायतु विधायक हरीश चौधरी लगातार कार्मिक विभाग की मंशा पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने अपनी सरकार को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि आधे से ज्यादा की आबादी को पहले से ही 21% आरक्षण ही है फिर भी अब ओबीसी की भागीदारी शून्य होती जा रही है. तो ऐसे में महाभारत की पृष्ठभूमि क्या थी कि महाभारत में पांडवों ने कौरवों से मात्र 5 गांव मांगे थे लेकिन नहीं देने पर महाभारत हो गई थी. और किस सोच के साथ ओबीसी वर्ग को भर्तियों में आज शून्य पर लाकर खड़ा कर दिया है पुलिस,वनपाल,वनरक्षक,व्याख्याताओं की भर्ती में भी ओबीसी पुरुषों की संख्या शून्य है ऐसे में हम हमारा हक लेकर रहेंगे और सरकार को लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत हक देना पड़ेगा.
गहलोत सरकार की परेशानी और ज्यादा बढ़ा सकती
राजस्थान में ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों के मामले को लेकर आंदोलन का आगाज बाड़मेर जिले से हुआ, जो अब पूरे राजस्थान में गर्माया हुआ है और पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी इस प्रकरण को लेकर ओबीसी अभ्यर्थियों के इस आंदोलन की पूरे राजस्थान में अगुवाई कर रहे हैं. ऐसे में समय रहते सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर नहीं किया तो हरीश चौधरी का महाभारत का ऐलान गहलोत सरकार की परेशानी और ज्यादा बढ़ा सकती है.
बाड़मेर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढे़ं- आपकी ये आदतें ही बनाती हैं आपको कंगाल, गरुड़ पुराण में किया गया है जिक्र
यह भी पढे़ं- एक्स के साथ 'पैचअप' करवा सकती हैं ये बातें, फिर मिल जाएगा आपका पुराना प्यार!