Bhilwara News: महात्मा गांधी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम पर, मन मुताबिक पैसे न मिलने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से किया मना
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Bhilwara News: महात्मा गांधी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम पर, मन मुताबिक पैसे न मिलने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से किया मना

Bhilwara News: जिले के सबसे बड़े सरकारी महात्मा गांधी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार की जड़े किस कदर फैली है, इसके अंदर इस बात से ही लगाया जा सकता है की, मन मुताबिक पैसे नहीं देने पर एक सरकारी डॉक्टर ने मरीज का ऑपरेशन करने से ही इंकार कर दिया. 

Bhilwara News: महात्मा गांधी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम पर, मन मुताबिक पैसे न मिलने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से किया मना

Bhilwara News: जिले के सबसे बड़े सरकारी महात्मा गांधी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार की जड़े किस कदर फैली है, इसके अंदर इस बात से ही लगाया जा सकता है की, मन मुताबिक पैसे नहीं देने पर एक सरकारी डॉक्टर ने मरीज का ऑपरेशन करने से ही इंकार कर दिया. जब परिजनों ने मिन्नतें की तो धरती का भगवान कहा जाने वाला डॉक्टर ऐसा शैतान बना कि उसने दर्द से राहत देने की बजाय ऑपरेशन के नाम पर फॉर्मेलिटी कर मरीज को ऐसा दर्द दिया कि वह अब दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है.

दरअसल 4 सितंबर को मांडलगढ़ क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के निकट करीब 60 वर्षीय मुरलीधर सिंधी का एक्सीडेंट हो गया था. परिजनों पहले मांडलगढ़ उसके बाद भीलवाड़ा के सबसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में लेकर आए जहां डॉक्टर महेश बैरवा ने कहा कि पैर का ऑपरेशन कर प्लेट डालनी पड़ेगी.

लेकिन मरीज सरकार की भामाशाह योजना का हिस्सा नहीं था, तो सरकारी अस्पताल में मुफ्त में इलाज नहीं हो पाया. यही से शुरू हुआ सरकारी डॉक्टर महेश बेरवा के भ्रष्टाचार का खेल. उसने इस बात का फायदा उठाते हुए मरीज के परिजनों को एक नंबर (89491-24340) दिया और कहा कि इस नंबर पर फोन करना यह व्यक्ति आपको 28000 रुपए में टाइटेनियम वाली प्लेट देगा, जो इस मरीज को लगाई जाएगी.

दर्द से तड़पते पिता को देखकर बेटे यश ने एक बार नहीं सोचा और उसने तत्काल उस व्यक्ति को फोन लगाया फोन लगाने पर उक्त दलाल ने उसे टीबी हॉस्पिटल के बाहर बुलाया और कहा कि दो तरह की प्लेट आती है एक सिल्वर जो की 18,000 हजार की है और एक टाइटेनियम जो की 28,000 की आती है.

बेटे ने पिता के दर्द की खातिर 28,000 रुपए की प्लेट देने की बात कही तो दलाल ने कहा कि आप 28,000 रुपए मुझे दे दे आपका सामान ऑपरेशन थिएटर में पहुंच जाएगा, फिर उसमें डॉक्टर महेश बेरवा से बेटे यश सिंधी की बात भी करवाई और डॉक्टर ने गारंटी ली कि आप उक्त व्यक्ति को इतने पैसे दें. मैं आपके पिता का ऑपरेशन कर दूंगा. लेकिन जब बेटे को पैसे की ना तो कोई रसीद दी जा रही थी ना ही ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट किया जा रहा था, ऐसे में जब उसे शंका हुई तो उसने पैसे देने से मना कर दिया.

उसने कहा की उक्त प्लेट वो मेडिकल से खरीद कर ले आएगा. उसके पैसे देने से इनकार करने के बाद डॉक्टर पल भर में ही शैतान बन गया और उसने एक बारगी तो मरीज का ऑपरेशन करने से ही इनकार कर दिया और कहा कि मेरे बताए व्यक्ति से प्लेट नहीं खरीदी तो तेरे बाप का ऑपरेशन नहीं होगा.

कई बार मिन्नते करने के बाद डॉक्टर महेश बैरवा ऑपरेशन के लिए तो मान गया लेकिन अपने फर्ज से गद्दारी करते हुए डॉक्टर महेश बैरवा ने इतनी लापरवाही पूर्ण तरीके से ऑपरेशन किया कि मरीज का दर्द खत्म होने की बजाय और ज्यादा बढ़ गया. फॉर्मेलिटी का ऑपरेशन करते हुए मरीज के पैर में टेंपरेरी तार बांध दिए गए और दर्द से तड़पता छोड़ दिया.

अब परिजन मरिज मुरलीधर को निजी अस्पताल में लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं, लेकिन कोई भी डॉक्टर उनका ऑपरेशन करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि ना ही मरीज मुरलीधर के पैर में प्लेट डाली गई, ना ही ऑपरेशन ठीक से किया गया उनकी हालत को और बिगाड़ दिया गया है, जिसके कारण अब उनका ऑपरेशन होना काफी रिस्की है.

 ऐसे में पीड़ित परिवार ने प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज डॉ वर्षा सिंह और पीएमओ एमजी हॉस्पिटल डॉ अरुण गौड़ को डॉक्टर महेश बेरवा के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने ने और भ्रष्टाचार फैलाने की शिकायत करते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है, तो वहीं इस मामले में चिकित्सा विभाग जांच बिठाकर कार्रवाई की बात कर रहा है. अब देखना यह है की डॉक्टर पैसे के लिए इस कदर गिर सकता है और विभाग उसे बचाने के लिए या उसके खिलाफ क्या एक्शन लेता है.

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