मौसम बदलने से किसानों की फसलें खराब हो गईं.कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मदद का आश्वासन दिया है. उनका कहना है कि राज्य सरकारों से नुकसान की रिपोर्ट मिलते ही राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में से मुआवजा दिया जाएगा.
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Bhilwara: गत दिनों प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला और उसका खामियाजा भीलवाड़ा के किसानों को उठाना पड़ा है.अचानक मौसम बिगड़ने से ओलावृष्टि हुई जिसके चलते किसान काफी चिंतित है, क्योंकि ओले पड़ने से खेतों में पड़ी गेहूं, जौ और चना की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
जिले के शाहपुरा शहरी क्षेत्र में भी तेज आंधी तूफान के साथ कुछ देर तक रिमझिम बारिश का दौर चला. अचानक बारिश होने से मौसम में भी ठंडक आ गई. किसान अपने घर से ओलों को हटाते दिखाई दिए. ऐसी ही एक तस्वीर नजर आई जिले की शाहपुरा तहसील क्षेत्र की जहां डाबला चांदा, सारांश और बीलिया गांव में किसान अपने फावड़े से ओलों को समेटकर हटा रहे हैं.
अचानक बदले मोसम के मिजाज ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर ला दी है. सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना गेहूं की फसल में है. सरसों, चना, अरहर समेत रबी की दलहनी और तिलहनी फसलें भी बर्बाद हुई हैं. किसानों पर आफत बनकर बरसे इन बादलों ने किसानों की पूरे सीजन की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इधर सरकार ने भी किसानों के लिए राहत अनुदान का ऐलान किया है. केंद्र सरकार की तरफ से कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मदद का आश्वासन दिया है. उनका कहना है कि राज्य सरकारों से नुकसान की रिपोर्ट मिलते ही राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में से मुआवजा दिया जाएगा.
गहलोत सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए राज्य में कार्यरत फसल बीमा कंपनियों के नाम और फोन नंबर जारी कर दिए हैं. किसान 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनियों या कृषि अधिकारी को आवेदन के जरिए सूचित कर दें.पश्चिमी विक्षोभ के कारण अभी नुकसान का खतरा टला नहीं है. किसानों को सावधान रहने की सख्त जरूरत है. यदि खेतों में कटाई के बाद सुखाने के लिए रखी गई फसल 14 दिन के अंदर खराब हो गई है तो किसान क्लेम का हकदार होगा.
जिले के किसानों का कहना है कि इस साल तो किसानों से राम तो राम राज भी रूठ गया है. रबी की फसलें दिसंबर माह से ही मावठों के कारण प्रभावित हो रही है जिससे फसलों का उत्पादन ओर गुणवत्ता दोनों प्रभावित हुई. कई किसानों की तो लागत भी नहीं निकल पाने से वह चितिंत है. हर महीने में मावठ से फसले खराब होने के बावजूद सरकार नुकसान का आंकलन नहीं करवा रही है. ऐसे में किसानों ने प्रशासन के प्रति रोष जताते हुए बारिश ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा देने की मांग की है. जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा और कोटड़ी प्रधान करण सिंह ने भी क्षेत्र में प्रभावित किसानों के खेतों का निरीक्षण कार उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है.
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