Dausa: दौसा जिले के बेजुपाड़ा के कोठिन में कल हुए किसान सम्मान समारोह (Kisan Samman Ceremony) में हजारों की तादाद में भीड़ जुटाकर कोविड नियमों (Covid Rules Violation) की धज्जियां उड़ाने के आरोप में प्रशासन द्वारा महवा थाने में आयोजकों के खिलाफ देर रात्रि को महामारी अधिनियम के तहत तहसीलदार ने एफआईआर दर्ज करवाई गई. 


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एफआईआर में हवाला दिया गया प्रदेश में लगातार कोविड (Rajasthan Corona Case) बढ़ रहा है और कोविड को लेकर सरकार द्वारा गाइडलाइंस (Rajasthan Corona Guidelines) जारी की गई है. उसके बावजूद भी आयोजकों द्वारा गाइडलाइंस की पालना नहीं की गई और समारोह में बड़ी तादाद में भीड़ जुटाई गई.


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योगेन्द्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा कि किसानों (Farmers) ने बाजरे की फसल एमएसपी से 800-1000 हजार रुपये कम में बेची. दौसा जिले के बैजूपाडा क्षेत्र में रविवार को किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में किसान नेता योगेन्द्र यादव ने एमएसपी (MSP) न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने पर राजस्थान सरकार (Rajasthan Governmnet) को घेरा. 


उन्होंने कहा संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से न्यूनत समर्थन मूल्य के लिए आंदोलन (Farmers Protest) खड़ा किया जाएगा. उसकी राजस्थान में सबसे ज्यादा जरूरत है. आज भी यहां का किसान बाजरे की फसल एमएसपी से 800-1000 हजार रुपये कम में बेचता है. इसके साथ ही चना, सरसों व गेंहू की खरीदारी भी एमएसपी के मुताबिक नहीं हो रही है. इसलिए हम कहते हैं किसान को दान नहीं दाम चाहिए. ऐसे में आगामी दिनों में एमएसपी के लिए संघर्ष किया जाएगा, उसमें पूर्वी राजस्थान के किसानों (Rajasthan Farmers) अग्रणी भूमिका होनी चाहिए. 


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ईस्टर्न कैनाल का मुद्दा उठाया
महापंचायत में योगेन्द्र यादव ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Rajasthan Canal Project) से इस इलाके को उपेक्षित किया जा रहा है. किसानों ने इसकी शिकायत मुझे बताई है. मैं यहां के किसानों को कहना चाहता हूं कि नहर परियोजना के संघर्ष में पूरे देश का किसान आपके साथ खड़ा है. उन्होंने कहा यह मेरा या आपका सवाल नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए एकजुटता से संघर्ष करना पड़ेगा. तभी सरकार हमारी बात सुनेगी.


बांझ बीज बेचने का षडयंत्र
बीज नीति पर बोलते हुए यादव ने कहा कि काफी समय से सरकारों द्वारा ऐसे बीज लाने का षडयंत्र हो रहा है जो बांझ बीज है, उससे आप नया बीज नहीं निकाल सकते. किसान को हर बार दुकानों से महंगे दामों पर नया बीज खरीदना पड़ेगा. यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों बहुत बड़ा षडयंत्र है कि किसानों को इससे वंचित किया जाए. इसके खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.


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किसान महापंचायत में तारासिंह सिद्धू, निशा सिद्धू, बनवारी मीणा सांथा ने सम्बोधित करते हुए किसान आंदोलन की घटनाओं को याद करते हुए केन्द्र सरकार पर कटाक्ष किए. इन्होंने कहा आंदोलन के दौरान किसानों पर कई तरह के घटिया आरोप लगाए, लेकिन किसान पूरी ईमानदारी के साथ मोर्चे पर डटा रहा. संघर्ष का ही परिणाम है कि सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े और किसानों की जीत हुई.
Report- Laxmi Avatar Sharma