ऊंटों का नृत्य, जी हां, जो पर्यटकों को सबसे ज्यादा पसंद आया और इस खास नृत्य को देखकर पर्यटक दंग रह गए और ऊंटों के डांस और करतबों ने सब का मन मोह लिया.
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Bikaner: राजस्थान के बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जहां रेगिस्तान में ऊंटों के अद्भुत नृत्य और ऊंटों की दौड़ को देखकर सभी ने अपने दांतों तले उंगलियां दबा लीं तो वहीं रेगिस्तान में कला के रंगों का समावेश अपने आप में अनूठा लगता है जिसमें ऊंटों की सौंदर्य प्रतियोगिता और ऊंटों के नृत्य ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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पूरी दुनिया में ऊंटों के एकमात्र फेस्टिवल के रूप में बीकानेर के कैमल फेस्टिवल का नाम आता है जहां कल शुरू हुए तीन दिवसीय फेस्टिवल के मुख्य आयोजन का आगाज हुआ. इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल का आगाज तो संख ध्वनि के साथ हुआ लेकिन इस फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण तब बनता है जब रेगिस्तान के रेतीले धोरों पर ऊंटों का अद्भुत खेल का आयोजन किया जाता है.
ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जब बीकानेर में मोजूद दुनिया के एक मात्र ऊंट अनुसंधान केंद्र में आयोजित हो रहे कैमल फेस्टिवल पर ऊंटों की रेड का आयोजन हुआ और ऊंटों ने दौड़ में अपना पूरा दम लगा दिया ऐसी रेस शायद ही आपने पहले कभी देखी होगी.
इस दौरान रेस के साथ-साथ कैमल फेस्टिवल में ऊंटों की कई प्रतियोगिताए हुई जिसमें ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता जिसमें ऊंटों पर राजस्थानी डिजाइन की गई और ऊंटों को काच और राजस्थानी गोरबंद से सजाया गया इसमें जिसका ऊंट सबसे सुंदर होगा उसे इनाम भी मिलेगा.
ऊंटों का नृत्य, जी हां, जो पर्यटकों को सबसे ज्यादा पसंद आया और इस खास नृत्य को देखकर पर्यटक दंग रह गए. ऊंटों के डांस और करतबों ने सब का मन मोह लिया. ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है इस साल BSF ने भी फेस्टिवल में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है जहां दिल्ली परेड में दिखाई देने वाले बीएसएफ के कैमल दल को इस बार फेस्टिवल में देखा जा सकता है.
राजस्थान में कई फेस्टिवल होते हैं लेकिन ऊंट को लेकर बीकानेर का फेस्टिवल दुनिया का एक मात्र फेस्टिवल है जिसे देखने के लिए देश-विदेश के सैलानी खास तौर पर आते हैं. हालांकि इस साल कोरोना के चलते विदेशी सैलानी तो नहीं नजर आ रहे हैं लेकिन देशी सैलानी काफी सख्या में पहुंच रहे हैं.
बीकानेर को अपने रॉयल अंदाज, परंपरा और किले हवेलियों के लिए तो जाना जाता ही हैं लेकिन बीकानेर को कैमल सिटी के नाम से भी दुनिया पुकारती है और उसकी मुख्य वजह यहां होने वाला ये खास कैमल फेस्टिवल है.
कैमल फेस्टिवल अपने आप में अनोखा है. रेगिस्तानी जहाज को एक नई पहचान देने वाले जहाज को देखने के लिए तमाम देशों से पर्यटक आते हैं और उन्हें यहां राजस्थान के रंग देखने को मिलते हैं. इसमें राजस्थान का यह मजबूत जानवर यहां के लोगों की जिंदगी से कैसे जुड़ा है और कितना जरुरी है और कैसे रोजमर्रा की जिंदगी में काम आता है इससे भी पर्यटकों को रूबरू करवाया गया. केमल फेस्टिवल को देखने काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे और फेस्टिवल का खूब मजा लिया.
इस दौरान डीआईजी बीएसएफ पीएस राठौड़ ने कहा की कैमल फेस्टिवल इसका जोर-शोर से बीकानेर में आगाज हुआ है. यह अपने आप में अनूठा फेस्टिवल है पूरे वर्ल्ड में बीकानेर है जो इसकी वजह से टूरिस्ट में पर आएगा यह सब का है जो केवल एक विभिन्न अंग है और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स है उसमें गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में कमल का नाम भी है तो सभी जनवरी को परेड करता है. बीएसएफ का जो कैमल है, जुनून है राजपूत पर चलने के लिए और बॉर्डर पर जिस तरह से हमारे कमल पेट्रोलिंग करते हैं.
Reporter: Raunak Vyas