इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल खत्म, पॉर्लर से सज कर आए ऊंट रहे आकर्षण का केंद्र
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इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल खत्म, पॉर्लर से सज कर आए ऊंट रहे आकर्षण का केंद्र

बीएसएफ के जवानों ने ऊंटों पर अलग-अलग मुद्राओं में किया हैरतअंगेज प्रदर्शन किए और बैंड ने देशभक्ति और संस्कृति से ओतप्रोत गीतों की धुनें बजाईं.

तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव

Bikaner: तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव विश्व प्रसिद्ध अग्नि नृत्य के साथ सम्पन्न हुआ. डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में आयोजित समापन समारोह में बीएसएफ, आर्मी और आरएसी के बैंड ने सुमधुर स्वरलहरियां बिखेरी. बीएसएफ ने कैमल टेटू और एक्रोबेटिक शो का प्रदर्शन किया तो वहां मौजूद हजारों लोगों ने तालियों के साथ इनका स्वागत किया. 

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बीएसएफ के जवानों ने ऊंट पर विभिन्न मुद्राओं में हैरतअंगेज प्रदर्शन किया. बैंड ने देश भक्ति और संस्कृति से ओतप्रोत गीतों की धुनें बजाई. इस दौरान सजे-धजे ऊंट विशेष आकर्षण का केंद्र रहें. इनके साथ ही रोबीले और पारंपरिक वेश भूषा में महिलाएं भी शामिल रहीं.

इससे पहले तीसरे दिन के कार्यक्रमों की शुरूआत महिलाओं की मटका दौड़ प्रतियोगिता के साथ हुई. सिर पर मटका उठाए दौड़ती महिलाओं के साथ संगीत की धुन का संगम देखते ही बनता था. इस प्रतियोगिता में आयुषी लढ्ढा ने प्रथम, मैना चौधरी ने द्वितीय और तरन्नुम बानो ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. इसके बाद महिलाओं और युवतियों के बीच रस्साकस्सी प्रतियोगिता हुई. बेस्ट ऑफ थ्री प्रतियोगिता में युवतियों ने 2-0 से जीत हासिल की.

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इसके बाद बैंड वादन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ. इसमें सबसे पहले बीएसएफ, फिर आर्मी और अंत में आरएसी के बैंड ने अपनी प्रस्तुतियां दी. बीएसएफ का यह बैंड गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर होने वाले परेड में भी स्वरलहरियां बिखेरता है. पहली बार बीकानेर में हुए इस प्रदर्शनकारियों ने पूरी उत्सुकता से देखा. इस अवसर पर तीन दिनों तक आयोजित हुई. विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. 

इनमें मिस्टर बीकाणा अशोक बोहरा और मिस मरवण रूचिका सहित इन प्रतियोगिताओं के अन्य विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया. इनके साथ ही ऊंट श्रृंगार, ऊंट बाल कतराई, ऊंट नृत्य, ऊंट दौड़ और ग्रामीण कुश्ती सहित हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को भी नकद पुरस्कार दिए गए. पुरस्कार की यह राशि एसबीआई द्वारा उपलब्ध करवाई गई.

इस दौरान संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, एसबीआई के उप महाप्रबंधक सुषील कुमार, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एएच गौरी, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहें. इन अतिथियों ने रंग-बिरंगे गुब्बारे हवा में उड़ाए. इस दौरान आयोजन में भागीदारी निभाने वाले कार्मिकों और सहयोगियों को भी पुरस्कृत किया गया.

मांड गायन से हुई अली-गनी की शुरुआत
सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत मश हूर गायक अली-गनी ने 'केसरिया बालम पधारो म्हारे देश' के साथ की तो दर्शकों की तालियों से समूचा स्टेडियम गूंज गया. इस श्रृंखला में डबड़ी (जैसलेमर) के सूफी गायक सावण खां एंड पार्टी ने सूफी गीतों की प्रस्तुति दी. जोधपुर के कालूनाथ एवं पार्टी ने कालबेलिया नृत्य, इन्दौर के कृष्णा सूर्या ने ओह री सखी मंगल गाओ री, अलवर के बन्ने सिंह एंड पार्टी ने रिम भवई और खारी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी. डीग-भरतपुर के जितेन्द्र एंड पार्टी ने मयूर नृत्य और बृज होली की प्रस्तुति के साथ फाल्गुनी बयार बिखेरी.

इसी श्रृंखला में सबसे अंत में मालासर के अग्नि नृत्य महंत रुघनाथ सिद्ध के नेतृत्व में 'सतगुरु सिंवरू मोवणा' की धुन के साथ किश न नाथ, मामराज नाथ, जगदीष नाथ, भागीरथ नाथ, प्रहलाद नाथ, धर्मनाथ, सोहन नाथ, जसनाथ, शंकर नाथ, रामेसर नाथ और काननाथ सिद्ध ने धधकते अंगारों पर नृत्य करते हुए सभी को आश्चर्यचकित कर दिया.

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इस दौरान पर्यटन विभाग के उपनिदेषक भानू प्रताप ढाका, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, पर्यटन सहायक योगेश राय, सहायक पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा, पर्यटन विकास समिति के गोपाल बिस्सा, संस्कृतिकर्मी सीता राम कच्छावा आदि मौजूद रहें. कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित और ज्योति प्रकाश रंगा ने किया.

Reporter: Raunak Vyas

 

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