Churu News: SI पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन, मास्टरमाइंड यूनिक भांभू के मकान पर चला बुल्डोजर
Bulldozer Action In Churu: एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू के मकान को नगर परिषद के आदेश पर आज भारी पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में ध्वस्त किया गया है.
Rajasthan News: एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी यूनिक उर्फ पंकज भांभू के पूनिया कॉलोनी में बनाए गए अवैध मकान को पुलिस की सिफारिश पर नगर परिषद के आदेश पर आज बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया गया है. इस दौरान चूरू एसपी जय यादव के निर्देशन में भारी पुलिस जाब्ता भी मौजूद था.
फर्जीवाड़ा कर कई लोगों को दिला चुका है नौकरी
आपको बता दें कि यूनिक उर्फ पंकज भांभू SI भर्ती परीक्षा 2021, JEN भर्ती परीक्षा 2021 सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कर 500 से अधिक लोगों की सरकारी नौकरी लगवा चुका है. फरार चल रहे भांभू पर SOG ने एक लाख का इनाम भी घोषित किया है. भांभू एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक कर करीब दस भर्तियों में फर्जीवाड़ा कर लोगों को नौकरी लगवा चुका है. यूनिक उर्फ पंकज भांभू पुत्र जगदीश जाट उम्र 36 वर्ष निवासी पूनिया कॉलोनी चूरू का रहने वाला है जो वनपाल के पद पर था. इसका एक और नाम विवेक भाम्भू है जो पासपोर्ट में लिखा हुआ है.
इन 12 आरोपियों पर की गई इनाम की घोषणा
यूनिक उर्फ पंकज भांभू 1 लाख रुपए का इनाम, ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए का इनाम, पोरव कालेर पर 50 हजार रुपए का इनाम, हनुमान मीणा और शैतान राम विश्नोई पर 50 हजार रुपए का इनाम, सम्मी उर्फ छम्मी विश्नोई पर 50 हजार रुपए का इनाम, रिंकू और विनोद कुमार पर 50 हजार रुपए का इनाम, भंवरलाल और दीपक राहड पर 25-25 हजार रुपए का इनाम, वर्षा विश्नोई और सुनील बेनीवाल पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है. वहीं, एसओजी ने इस मामले में 33 थानेदारों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 3 ने चयन होने के बाद भी ज्वाइन नहीं किया था. गिरफ्तार अन्य 12 आरोपी गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. अब फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले में और नाम सामने आ सकते हैं.
मास्टरमाइंड को पकड़ने जुटी टीम
राजस्थान पुलिस की स्पेशल टीम एसओजी इस मामले की जांच में लगातार कार्रवाई कर रही है. इस मामले में कई ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में बड़ी भूमिका निभाने वाले मास्टरमाइंड को पकड़ने में टीम जुटी है. लेकिन इस खेल के बड़े खिलाड़ी जांच एजेंसी की जद से बाहर है. ऐसे में अब जांच एजेंसी ने इन सभी पर इनाम घोषित करते हुए लोगों से मदद की अपील की है.
अपने परिजनों को भी पहुंचाया फायदा
बता दें कि खुद नकल करके वनपाल पद पर नौकरी हासिल करने वाले यूनिक भांभू ने पत्नी, भाई व बुआ के दो बेटों को भी लाभ पहुंचाया. यह सरकारी नौकरियों में पिछले छह साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था. उसने एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक तक करीब दस भर्तियों में फर्जीवाड़ा कर लोगों को नौकरी लगवाया. इसके लिए फर्जी डिग्रियां तक बनवाई. शुरुआत में उसने शेखावाटी के झुंझुनूं व चूरू के लोगों को नौकरी लगाया.
किसको कहां लगवाई नौकरी ?
झुंझुनूं निवासी बुआ के बेटे नवीन को बिजली विभाग में तकनीकी सहायक, दूसरे बेटे अनिल को ग्रेड थर्ड टीचर, अपने भाई विवेक भांभू को फौज से रिटायरमेंट दिलवाकर एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पास करवाया, चूरू की पूनिया कॉलोनी निवासी एकता राहत व भूदा का बास मलसीसर के रोहिताश खींचड़ को एसआई भर्ती परीक्षा में पास करवाया, मालीगांव के राकेश भांभू की एसआई भर्ती परीक्षा में 13वीं रैंक दिलाई, पत्नी को सेकंड ग्रेड शिक्षिका बनवाया. साला नरेंद्र व उसकी पत्नी वनपाल लगवाया, मौसी आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर हैं. मौसी के दोनों बेटे और चाचा मनीराम व उनके बेटे को नौकरी दिलाई.
इनको भी यूनिक भांभू ने दिलाई नौकरी
चूरू के सुरेंद्र खराडिया को पटवारी, उनकी बहन प पत्नी को महिला सुपरवाइजर, चूरू के गोपीराम के बेटे विजेंद्र को लैब असिस्टेंट, एएसपी ओमप्रकाश गोदारा के बेटे करणपाल को एसआई, अजमेर के रवि भाटी को पटवारी, चूरू के रमेश कालेर की पत्नी व भांजी को आंगनबाड़ी में महिला सुपरवाइजर, झुंझुनूं के सत्यवीर सिंह को वनपाल, चूरू के श्रवण सिंह राठौड़, उदयपुरवाटी के दिनेश कुमार, बाटेड के नरेंद्र कुमार धतरवाल, शेखपुर के प्रदीप कुमार, अलसीसर के राजेश कुमार, बीनासर के सुरेंद्र कुमार पूनिया आदि भी नौकरी लगवाई है.
रिपोर्ट:- नवरतन प्रजापत
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