दौसा: अभी तक छात्रा की मौत बनी अनसुलझी पहेली, खत में लिखा 'रीजन ऑफ माय डेथ इज मैथ'
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दौसा: अभी तक छात्रा की मौत बनी अनसुलझी पहेली, खत में लिखा 'रीजन ऑफ माय डेथ इज मैथ'

Dausa: दौसा के बांदीकुई से बड़ी खबर है. निजी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अंजलिका वाल्मीकि के साथ ऐसा क्या हुआ कि उसने स्कूल से घर पहुंचते ही फांसी का फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया.

 

दौसा: अभी तक छात्रा की मौत बनी अनसुलझी पहेली, खत में लिखा 'रीजन ऑफ माय डेथ इज मैथ'

Dausa: दौसा के बांदीकुई में कक्षा 10 वीं पढ़ने वाली छात्रा ने घर आते मौत को गले लगा लिया. कमरे जाकर फांसी लगा ली.जिस बेटी को परिजनों ने हंसी-खुशी स्कूल पढ़ने के लिए भेजा था, उस स्कूल की छुट्टी होने पर रोज की तरह दादा ओमप्रकाश वाल्मीकि उसे स्कूल लेने गए अंजलिका दादा के साथ बाइक पर सवार होकर स्कूल से घर आई.

घर आते ही अपने कमरे में चली गई और वहां साड़ी से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली आखिर स्कूल में अंजलिका के साथ ऐसा क्या हुआ कि वह सह नहीं पाई और उसने मौत को गले लगाना ही मुनासिब समझा.

 घटना दौसा के बांदीकुई की है 

दरअसल पूरी घटना दौसा के बांदीकुई की है जहां वार्ड नंबर 5 के रामनगर निवासी अंजलीका संत फ्रांसिस स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा है और रोज की तरह वह शनिवार को भी स्कूल गई थी, लेकिन उस दिन वह स्कूल से घर जरूर दादा के साथ आई. लेकिन जिस तरीके से उसने घर पहुंच कर आत्महत्या की उससे लगता है कि अंजलिका ने स्कूल के अंदर ही मौत को गले लगाने का मन बना लिया था.

 इससे यह तो साफ हो गया कि निश्चित रूप से अंजलिका के साथ स्कूल में कोई न कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसके बाद वह जीना नहीं चाहती थी अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अंजलिका के साथ स्कूल में ऐसा क्या हुआ. जिसके चलते उसने दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. हालांकि कमरे में अंजलिका ने जहां सुसाइड किया था.

वहां पर महज कुछ शब्दों का एक सुसाइड नोट भी परिजनों को मिला है, जिसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. सुसाइड नोट में अंग्रेजी में लिखा हुआ है रीजन ऑफ माय डेथ इज मैथ.

घर आने के बाद अंजली का जब अपने कमरे में चली गई और काफी देर तक वह बाहर नहीं आई तो परिजनों ने जाकर दरवाजा खटखटाया, तो दरवाजा अंदर से बंद था. ऐसे में परिजनों ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजे को धक्का देकर तोड़ा तो देखकर हक्के बक्के रह गए. अंजली का साड़ी के फंदे से कड़े से लटकी हुई थी.

 आनन-फानन में परिजनों ने अंजलिका को नीचे उतारा और बांदीकुई उप जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद अंजलिका को मृत घोषित कर दिया. अंजलिका की मौत के बाद घरवालों का रो रो कर बुरा हाल हो गया कोहराम मच गया वह समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर अंजलीका ने आत्महत्या क्यों की जबकि सुबह वह हंसी खुशी स्कूल गई थी.

टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग 

घटना को लेकर अंजलीका के दादा ओमप्रकाश वाल्मीकि ने बांदीकुई पुलिस थाने में संत फ्रांसीसी स्कूल और गणित के टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रकरण पंजीबद्ध करवाया है अंजलीका के दादा ओमप्रकाश का कहना है, अंजलिका हमेशा की तरह शनिवार को भी खुशी-खुशी स्कूल गई थी. फिर उसके साथ स्कूल में ऐसा क्या हुआ कि उसने घर पहुंचते ही आत्महत्या कर ली. 

वही परिजन कार्यवाही की मांग लेकर नारेबाजी करते हुए थाने के सामने धरना दे रहे हैं साथ ही मांग कर रहे हैं जब तक अंजलिका की मौत के दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी वह अंजलिका का शव नहीं लेंगे और ना ही उसका अंतिम संस्कार करेंगे.

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब बांदीकुई डिप्टी एसपी उदय भान सिंह से बात की गई तो उनका कहना है परिजनों से समझाइश की जा रही है साथ ही पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है, अनुसंधान में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे उसके अनुसार दोषियों के खिलाफ निश्चित रूप से पुलिस कार्रवाई करेगी. मामले की जांच उप निरीक्षक भरत लाल को दे दी गई है.

 एक्शन की मांग

किन पुलिस के इस जवाब से परिजन संतुष्ट नहीं है उनका कहना है पूरा मामला साफ है सुसाइड नोट से दोषियों का भी पता चल रहा है ऐसे में परिजन दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं साथ ही स्कूल पर भी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं फिलहाल दसवीं कक्षा की छात्रा अंजलीका आत्महत्या मामला अनसुलझी पहेली बना हुआ है .

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