डूंगरपुर: अस्पताल में 15 लाख की गड़बड़ी, जांच के घेरे में ब्लॉक CMO और लेखाधिकारी
ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय में राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के बिलों में लाखों की वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है. ब्लॉक सीएमएचओ और लेखाधिकारी ने अलग अलग फर्मों से मिलीभगत करते हुए नियमों के खिलाफ 15 लाख से ज्यादा का भुगतान कर दिया है.
डूंगरपुर: ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय में राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के बिलों में लाखों की वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है. ब्लॉक सीएमएचओ और लेखाधिकारी ने अलग अलग फर्मों से मिलीभगत करते हुए नियमों के खिलाफ 15 लाख से ज्यादा का भुगतान कर दिया है. शिकायत के बाद डूंगरपुर सीएमएचओ की जांच में ये खुलासा हुआ है. वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद सीएमएचओ डूंगरपुर ने कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंप दी है.
सरकारी विभागों में किसी भी काम को करवाने के लिए निविदाएं मांगी जाती है. उसके बाद जिस फार्म के निविदा खुलती है. उसे उस कार्य को करने के लिए कार्यादेश दिया जाता है, लेकिन डूंगरपुर बीसीएमओ कार्यालय में सरकार के इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए विभिन्न फर्मो से मिलीभगत कर भुगतान किया गया. जांच रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2021-22 की लेखा गड़बड़िया सामने आई है. इस वर्ष में बीसीएमओ के पद पर तत्कालीन डॉ अमोल परमार, वर्तमान डॉ जयेश परमार रहे हैं. जबकि तत्कालीन संविदा लेखाकार पवन कुमार और वर्तमान संविदा लेखाकार विजय खटीक रहे. रिपोर्ट में नियमों के खिलाफ 15 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान किया है, जो की वित्तीय अनिमियतता में आता है.
डूंगरपुर सीएमएचओ डॉ राजेश शर्मा ने बताया की राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के वर्ष 2021-22 के बिलों में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. स्वास्थ्य विभाग की एक जांच टीम का गठन किया गया. जांच टीम ने बीसीएमओ कार्यालय के कई कार्यों में 15 लाख से ज्यादा की वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी है. उन्होंने बताया की डूंगरपुर के पूर्व बीसीएमओ डॉ अमोल परमार, ब्लाक सीएमओ डॉ जयेश परमार व संविदा लेखाकार पवन कुमार व विजय खटीक ने फर्मों से मिलीभगत करते हुए बिना किसी निविदा व कार्यादेश के डीजल, प्रिंटिंग कार्य, साफ़-सफाई, चाय-नाश्ता, आरबीएसके मोबिलिटी, बीपीएमयू मोबिलिटी और चिरंजीवी केम्प मोबिलिटी के लाखो रुपये के भुगतान कर दिया है.
इन कार्यो व फर्मो को किया नियमो के खिलाफ भुगतान
1. प्रिंटिंग कार्य- 4 लाख 63 हजार 279 रुपए
2. साफ-सफाई कार्य- एक लाख 498 रुपए
3. नाश्ता- 66 हजार 120 रुपए
4. आरबीएसके मोबिलिटी- 6 लाख 6 हजार 600 रुपए
5. बीपीएमयू मोबिलिटी- एक लाख 80 हजार 960 रुपए
6. चिरंजीवी केम्प मोबिलिटी- एक लाख 5 हजार 600 रुपए
कुल : 15 लाख 23 हजार 57 रुपए
कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट, पिछले 3 साल के रिकॉर्ड में भी घोटाले की संभावना
इस मामले में डूंगरपुर सीएमएचओ डॉ राजेश शर्मा ने बताया की डूंगरपुर ब्लाक सीएमओ कार्यालय द्वारा कार्यो के भुगतान में वित्तीय गड़बड़िया की गई है. उन्होंने बताया की इस सम्बन्ध में जांच रिपोर्ट कलेक्टर व स्वास्थ्य निदेशालय को भिजवा दी गई है. साथ ही कलेक्टर व निदेशालय से पूरे मामले की विस्तृत जांच के साथ इससे पहले के वर्षो के कार्यो की भी जांच के लिए लिखा गया है.
बहरहाल डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ द्वारा करवाई गई जांच में 15 लाख से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. पूरे मामले में डूंगरपुर के पूर्व ब्लॉक सीएमओ डॉ अमोल परमार, डॉ जयेश परमार, संविदा लेखाकार पवन कुमार व विजय खटीक पद पर रहे. इस दौरान पूरी लेखा गड़बड़िया हुई है. 15 लाख रुपए से ज्यादा का घोटाला करने वाले इन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन क्या एक्शन लेता है.
Reporter- Akhilesh sharma
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