Health News: महिलाओं की अच्छी सेहत के लिए हेल्दी पीरियड्स जरूरी है. पीरियड्स देरी आना, फ्लो का बहुत अधिक आना, फ्लो का बहुत कम होना जैसी परेशानी किसी बीमारी का कारण हो सकता है. वहीं, कई महिलाओं को पीरियड फ्लो कम होने की परेशानी होती है, जिसे वो अनदेखा कर देती हैं.  


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पीरियड फ्लो कम होना महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों या खून की कमी हो सकती है. इसका महिलाओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में हम आपको दूध में तिल मिलाकर पीने के फायदों के बारे में बताने जा रहे है. 


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हार्मोनल स्तर होगा कंट्रोल  
तिल के बीज में लिग्नांस नामक कंपाउड्स पाए जाते हैं, जो बॉडी में एस्ट्रोजेनिक प्रभाव डाल सकते हैं. ये हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने और मूड स्विंग, सूजन और पिंपल्स जैसी परेशानियों को कम करता है. तिल गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है, जिससे पीरियड फ्लो बढ़ने लगता है. 


सूजन रोधी गुण से भरपूर 
तिल में सूजन-रोधी गुण सेसमिन और सेसमोलिन जैसे यौगिकों की उपस्थिति के कारण होते हैं। इन यौगिकों से शरीर की सूजन कम होती है, जिससे पीरियड्स में दर्द और सूजन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है. 


भरपूर कैल्शियम 
तिल में भरपूर कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है. साथ ही महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करता है. 


भरपूर फाइबर 
पीरियड्स के पाचन तंत्र को मजबूत रखने और कब्ज को रोकने के लिए फाइबर बहुत जरूरी है. ऐसे में तिल के सेवन से शरीर में फाइबर की कमी दूर होगी, जिससे पीरियड फ्लो बेहतर होगा. 


घटेगा वजन  
ज्यादा वजन बढ़ने के कारण मासिक धर्म का एक और लक्षण है. तिल खाने से भूख कम लगती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. 


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