Jaipur: जयपुर एयरपोर्ट पर 5 दशक पुराने 594 दरख्तों पर बेरहमी से आरी चल रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब जयपुर शहर के बीचों-बीच इतनी बड़ी संख्या में हरे-भरे दशकों पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है. अब इन पेड़ों को काटे जाने का विरोध बढ़ने लगा है. दूसरी तरफ एयरपोर्ट प्रशासन ने अब यहां लोगों का प्रवेश भी बंद कर दिया है.


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पेड़ों की कटाई पर्यावरण प्रेमियों में रोष


जयपुर एयरपोर्ट पर विकास के नाम पर काटे जा रहे दशकों पुराने पेड़ों को लेकर विरोध खड़ा हो गया है. एयरपोर्ट प्रशासन ने पिछले दो दिन से पेड़ काटने पर रोक लगा दी है, लेकिन जिस तरह से यहां पर पेड़ों की कटाई हो रही है, उसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों में रोष बढ़ गया है. पेड़ काटने की रूपरेखा एयरपोर्ट प्रशासन ने पिछले साल ही तय कर ली थी, एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण होने के बाद जब अडानी समूह ने इसका संचालन संभाला था, तभी से एयरपोर्ट कॉलोनी को खाली करवा लिया गया था. संभालने के 3 माह में कॉलोनी के सभी मकानों को ध्वस्त कर दिया गया था.


इसी दौरान यहां कॉलोनी में 700 हरे-भरे पेड़ों के बीच रहने वाले पशु-पक्षी भी अपना घरौंदा छोड़ने लगे थे. एयरपोर्ट अथॉरिटी के निवासियों ने अपना नाम प्रसारित नहीं करने की शर्त पर बताया कि सालभर पहले तक कॉलोनी में इन पेड़ों के बीच करीब 200 मोर रहते थे, पेड़ों की कटाई के चलते अब ये सभी मोर अपना घर छोड़कर जा चुके हैं. इसी तरह सैंकड़ों की संख्या में रहने वाले तोते, कोयल, मैना, कबूतर और अन्य चिड़ियाओं का घर उजड़ चुका है. इन पशु-पक्षियों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के कोई प्रयास किए बिना एयरपोर्ट प्रशासन ने सीधे ही पेड़ों पर आरी चलाना शुरू कर दिया. सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 400 पेड़ों को काटा जा चुका है.


एयरपोर्ट प्रशासन की नीयत पर सवाल 


  • अडानी समूह ने संचालन संभालने के 3 माह में कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया

  • समूह कह रहा कि बाकायदा अनुमति लेकर पेड़ काटे जा रहे हैं

  • लेकिन अनुमति की कॉपी न मीडिया को दी गई, न पर्यावरणविदों को

  • प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन देना चाहा तो उनकी सुनवाई नहीं की गई

  • चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर विष्णु मोहन झा ने ऑन रिकॉर्ड ज्ञापन नहीं लिया

  • एयरपोर्ट प्रशासन यह भी नहीं बता रहा कि यहां क्या बनाया जाएगा 

  • कमाई बढ़ाने के नाम पर यहां कार्गो या मॉल बनाने सम्बंधी भी चर्चाएं हो रही

  • प्रदर्शनकारी पेड़ काटने से रोकना चाहते थे, उन्हें बाहर रोक दिया गया

  • एयरपोर्ट निजी नहीं, बल्कि सार्वजनिक प्रॉपर्टी है, वहां ताला कैसे लगा सकते हैं  

  • कॉलोनी के अंदर बने शिव मंदिर में श्रद्धालु जाते हैं, उन्हें रोक दिया गया


सवाल इस बात को लेकर भी खड़े हो रहे हैं कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जब यहां पेड़ों का सर्वेक्षण करवाया था, उस समय पेड़ों की संख्या 700 से अधिक पाई गई थी, तत्कालीन एयरपोर्ट निदेशक जयदीप सिंह बलहारा के कार्यकाल में हुई गणना में 700 पेड़ बताए गए थे, लेकिन अब एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि जिला प्रशासन और वन विभाग की गिनती में यह संख्या 594 पाई गई है. सवाल यह उठ रहे हैं कि इस दौरान 100 से अधिक पेड़ कहां गए. बताया जा रहा है कि कुछ पेड़ों को सर्वेक्षण में पेड़ की श्रेणी में नहीं गिना गया है. एयरपोर्ट कॉलोनी में पेड़ काटने को लेकर हो रहे विरोध के चलते अब दिन में तो पेड़ कटाई पर रोक लग चुकी है, लेकिन पर्यावरण प्रेमियों ने रात में पेड़ काटने की आशंका जताई है. वहीं, एयरपोर्ट कॉलोनी पर ताला लगाए जाने से स्थानीय श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश भी बाधित हो गया है. देखना होगा कि एयरपोर्ट प्रशासन जनभावनाओं को कब तक दरकिनार करता रहेगा.


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