जयपुर/ दिल्ली: अलवर में मॉब लिंचिंग मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NSCC) ने नोटिस जारी जवाब मांगा है. आयोग के निदेशक कौशल कुमार ने राजस्थान के CS, DGP, जयपुर संभागीय आयुक्त, जयपुर IG समेत अलवर के कलेक्टर और  SP को  नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.


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आयोग ने इन अफसरों को 7 दिन में मॉब लिंचिंग मामले में की गई कार्रवाई पर जवाब देने के निर्देश दिया है. आयोग ने अलवर के रामगढ़ के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास में चिरंजी लाल की मॉब लिंचिंग में मौत को गंभीर माना है.


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मॉब लिंचिंग में अबतक सात लोगों की गिरफ्तारी


फिलहाल पुलिस ने अलवर में मॉब लिंचिंग में हुई हत्या मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गोविंदगढ़ के राम बास में करीब 15 से 20 लोगो ने चिरंजीलाल सैनी नामक व्यक्ति पर लाठी फर्सी और डंडों से हमला किया था जिसकी इलाज के दौरान जयपुर में मौत हो गयी थी. अब इस मामले में सियासत भी गरमा गई है भाजपा ने सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगाए हैं.


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पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग
मौत की खबर के बाद गोविंदगढ़ कस्बे में स्थानीय लोगों और परिजनों सहीत हिंदूवादी संगठनों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद के साथ ही सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की गई.


मृतक चिरंजीलाल सैनी के पुत्र योगेश कुमार ने सदर थाना क्षेत्र के रहने वाले विक्रम खान सहित अन्य लोगो के खिलाफ अपने पिता की हत्या किये जाने का मामला दर्ज कराया. जिसमें असद खां , स्याबु  ,साहुन , तलीम , कासम , पोला उर्फ ताफीक और विक्रम खां को धर दबोचा. घटना में शामिल हुई स्कॉर्पियो गाड़ी को भी जब्त किया. सभी आरोपी अलवर सदर थाना क्षेत्र के उलाहेड़ी गांव के निवासी है.


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