राजस्थान पुलिस अब अच्छी लगने लगी!.. थाने में अब बच्चों को मिलेगा प्ले स्कूल का माहौल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1283675

राजस्थान पुलिस अब अच्छी लगने लगी!.. थाने में अब बच्चों को मिलेगा प्ले स्कूल का माहौल

जिला पुलिस मुख्यालय ने बच्चों के लिए एक नया प्रकल्प शुरू किया है. पुलिस थाना में आने वाले बच्चों को अब पुलिस की एक अलग छवि देखने को मिलेगी. किसी वजह से बच्चे अपने अपने माता-पिता या रिश्तेदार के साथ अगर थाने में आते हैं तो यहां उनके लिए प्ले स्कूल वाले माहौल मिलेंगे.

राजस्थान पुलिस अब अच्छी लगने लगी!.. थाने में अब बच्चों को मिलेगा प्ले स्कूल का माहौल

प्रतापगढ़: जिला पुलिस मुख्यालय ने बच्चों के लिए एक नया प्रकल्प शुरू किया है. पुलिस थाना में आने वाले बच्चों को अब पुलिस की एक अलग छवि देखने को मिलेगी. किसी वजह से बच्चे अपने अपने माता-पिता या रिश्तेदार के साथ अगर थाने में आते हैं तो यहां उनके लिए प्ले स्कूल वाले माहौल मिलेंगे. बच्चों के लिए थाने में खिलौने, पुस्तकें और अन्य सामग्री के साथ थकान होने पर आराम के लिए बिस्तर भी मौजूद रहेंगे. यह नवाचार प्रतापगढ़ जिले के पारसोला थाने में हुआ है. इस थाने को बालमित्र थाना घोषित किया गया है.

एसपी अनिल बेनीवाल ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, बजाज फाउंडेशन और गायत्री सेवा संस्थान के संयुक्त प्रयास से यह अभिनव पहल शुरू की गई है. थाने के ‘बाल मित्र कक्ष’ का उद्घाटन धरियावद पंचायत समिति की प्रधान हकरी देवी मीना ने किया. बाल मित्र कक्ष में प्ले ग्रुप स्कूल की तरह पेंटिंग्स, खिलौने, बच्चों की रुचि वाली पुस्तकें, टीवी, बिस्तर व अन्य मनोरंजन सामग्री उपलब्ध है.

यह भी पढ़ें: कुचेरा में बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया बोले- अगामी विधानसभा चुनाव में जनता बदलाव के लिए वोट करेगी

अपराध से दूर रहने के लिए शुरू की गई यह पहल

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई ‘बाल मित्र थाना’ की अवधारणा का मुख्य उद्देश्य पुलिस थानों में बच्चों को एक ऐसा सकारात्मक माहौल देना है जो किसी न किसी रूप में अपराध में लिप्त पाए जाते हैं. इसके पीछे मंशा यह है कि इन बच्चों को ऐसा अनुकूल वातावरण दिया जाए, जिससे वह अपने जीवन के नकरात्मक पहलुओं को भुलाकर जीवन में आगे बढ़ कर बेहतर कर सकें.

अधिकांश बच्चे पुलिस और थाने के नाम से ही घबराते हैं और पूछताछ के दौरान डरे और सहमे होते हैं. इससे उनकी मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, ऐसे में पुलिस की जांच में भी मुश्किलें आती हैं, क्‍योंकि बच्‍चे अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते. इस अवसर पर पारसोला थाने के थाना अधिकारी प्रकाश चंद्र मीना ने बच्चों के संदर्भ में हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया.

Reporter- Vivek Upadhya 

प्रतापगढ़ जिले की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news