Jaipur: राजधानी जयपुर में गोविन्द गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. इस दौरान राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि आदिवासी जन-जीवन में वनस्पतियों का पुराना औषधीय ज्ञान सहज रूप में मौजूद है.


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यूनिवर्सिटी की पत्रिका ‘प्रतिध्वनि’ का लोकार्पण


गौरतलब है कि राज्यपाल कलराज मिश्र गोविन्द गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी, बांसवाड़ा के तीसरे दीक्षांत समारोह के मौके पर राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की दैनिक परम्पराओं में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा वैज्ञानिक ज्ञान रचा और बसा है. वहीं राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के कुलपति सचिवालय, माही भवन और जनजाति संग्रहालय का ऑनलाइन लोकार्पण किया. उन्होंने यूनिवर्सिटी की पत्रिका ‘प्रतिध्वनि’ का भी लोकार्पण किया.


21 विद्यार्थियों को मिले स्वर्ण पदक 


समारोह में साल 2021 में कॉमर्स, साइंस, आर्ट्स और विधी संकाय में सफल रहे विद्यार्थियों को ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी की डिग्री दी गईं. साथ ही ज्यादा अंक पाने वाले 21 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए. इस दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि आदिवासी अंचल का विकास राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है. आदिवासी इलाकों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस यूनिवर्सिटी की स्थापना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने इलाके में प्रचलित प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों पर नए रूप में  रिसर्च और अनुसंधान किए जाने का आह्वान किया. शनिवार को तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. 


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उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि यूनिवर्सिटी को रोजगार संबंधी सिलेबस (पाठ्यक्रम) को अपडेट कर इलाके के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभानी चाहिए. वहीं गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (अमूल) के प्रबन्ध निदेशक डॉक्टर आर.एस. सोढी ने कहा कि युवा ही भारत की असली शक्ति है. युवाओं को जापान, कोरिया, चीन जैसे देशों की भाषाओं को सीखना चाहिए. जिससे वह अपनी प्रतीभा का इस्तेमाल कर बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकें. 


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डॉक्टर आर.एस. सोढी ने  'श्वेत क्रांति' की सफलता की कहानी शेयर करते हुए कहा कि आदिवासी अंचल में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग में अपार संभावनाएं हैं. वहीं कुलपति प्रोफेसर इन्द्रवर्धन त्रिवेदी ने कहा कि गोविन्द गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी से वागड़-कांठल अंचल के 152 महाविद्यालयों में 1 लाख 25 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी  में 500 से ज्यादा  शोधार्थी जनजातीय संस्कृति, ज्ञान सहित विभिन्न विषयों में पढ़ रहे हैं.


Report- Bharat Choudhary