Jaipur News : नगर निगम ग्रेटर मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर के पास राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का काउंटडाउन शुरू हो गया हैं. अब सिर्फ चार दिन का समय बचा है इस दौरान डॉक्टर सौम्या को राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करना है. जानकारों की माने तो डॉक्टर सौम्या के लिए इस नोटिस का जवाब कानून के विशेषज्ञों एक टीम बना रही है. इसमें उनके सीनियर एडवोकेट महेन्द्र साहरण भी मौजूद है. बताया जा रहा है कि सौम्या की तरफ से लिखित में ये जवाब 17 नवंबर तक पेश किया जाएगा.


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सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद 12 नवंबर को मेयर का पदभार संभाला था. पदभार संभालते ही पुलिस के एक कांस्टेबल ने नगर निगम मुख्यालय पहुंचकर मेयर को कारण बताओ नोटिस तामील किया था. इस नोटिस का जवाब देने के लिए सौम्या को 18 नवंबर तक का समय दिया है. सूत्रों के मुताबिक इधर राज्य सरकार भी सौम्या के जवाब का कानून अध्ययन करवाकर ही आगे कोई फैसला लेगी. विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य सरकार अगर सौम्या के जवाब से संतुष्ट नहीं होती है तो सरकार मेयर को दोबारा मेयर पद और वार्ड 87 की सदस्यता से बर्खास्त कर सकती है. .ऐसी स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग दोबारा उन वोटो की काउंटिंग शुरू करवाएगा, जो 10 नवंबर के दिन हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद रूक गई थी.


सरकार अगर सौम्या को दोबारा पद से बर्खास्त करती है तो सौम्या के पास एक बार दोबारा हाईकोर्ट जाने का विकल्प रहेगा. .सौम्या की तरफ से इस मामले की राजस्थान हाईकोर्ट में पैरवी करने वाले अधिवक्ता महेन्द्र सारण के मुताबिक सरकार के किसी भी अंतिम निर्णय को ज्यूडिशरी रिव्यू करने का अधिकार हर किसी के पास है. फिर चाहे नगर पालिका अधिनियम में सरकार ने ये प्रावधान क्यों न कर रखा हो कि सरकार की ओर से एक बार पद से बर्खास्त करने के बाद कोर्ट में उसे चुनौती नहीं दे सकते.


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