Jaipur: राजस्थान के करीब 55 हजार मेडिकल स्टोर्स-ड्रग डिस्ट्रीब्युटर्स को आने वाले दिनों में जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है. अब मेडिकल स्टोर्स पर इंस्पेक्शन के नाम पर ड्रग ऑफिसर्स की मनमानी नहीं चलेगी. ड्रग डिपार्टमेंट द्वारा ड्रग ऑफिसर्स की मनमर्जी पर लगाम लगाने के लिए बड़ी कवायद शुरु करने जा रहा है. विभाग द्वारा रिस्क बेस्ड रेंडमाइज्ड सैंपलिंग सिस्टम डवलप किया गया है. जो पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत में जल्द ही तीन जिलों में लागू होगा. क्या है ये सिस्टम और कैसे इसके जरिए इंस्पेक्टर राज खत्म करने की कोशिश है. चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर ड्रग डिपार्टमेंट ने रिस्क बेस्ड रेंडमाइज्ड सैंपलिंग सिस्टम डवलप किया है. 


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इस सिस्टम के जरिए ड्रग ऑफिसर्स की मनमानी पर नकेल कस दी जाएगी. रिस्क बेस्ड रेंडमाइज्ड सैंपलिंग सिस्टम नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसके लागू होने के बाद ड्रग ऑफिसर्स अपनी मर्जी के किसी भी मेडिकल स्टोर्स पर नहीं जा सकेगा. यानि सॉफ्टवेयर ही डीसीओ को निर्देशित करेगा की किस मेडिकल स्टोर पर किस दिन इंस्पेक्शन करना है. 


 शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही हनुमानगढ़,गंगानगर और बीकानेर में इसकी शुरुआत होगी. डीओआईटी के जरिए तैयार किए गए रिस्क बेस्ड रेण्डमाइज्ड सैंपलिंग सिस्टम में 17 अलग-अलग तरह के पाइंट्स शामिल किए गए हैं. जिसके तहत पूर्व में किसी मेडिकल स्टोर्स पर अनियमितताएं पाई गई हों, सब स्टैंडर्ड दवा मिली हो, या फिर अमानक और नकली दवाएं मिली हो तो ऐसे मामलों के इंस्पेक्शन को प्राथमिकता दी जाएगी. फूड एंड ड्रग कमिश्नर सुनील शर्मा ने बताया फिलहाल ड्रग ऑफिसर्ज कई बार मनमर्जी से या फिर बॉयस्ड होकर कार्रवाई कर देते हैं, लेकिन अब ये सब नहीं चलेगा.


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