Jaipur: सोने के मुकुट और चांदी के सिंहासन पर विराजित होकर दर्शन देंगे लंबोदर, यह रहेगा पूजन का शुभ मुहूर्त
प्रथम पूज्य देव गणपति के आगमन का पर्व गणेश चतुर्थी पर हर वैष्णव घर में गणेशजी की पूजा और आराधना होगी. मंदिरों में लंबोदर का जन्माभिषेक-पूजन होगा. भगवान श्रीगणेश विशेष पोशाक में सोने के मुकुट धारण कर चांदी के सिंहासन में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे.
Jaipur: प्रथम पूज्य देव गणपति के आगमन का पर्व गणेश चतुर्थी पर हर वैष्णव घर में गणेशजी की पूजा और आराधना होगी. मंदिरों में लंबोदर का जन्माभिषेक-पूजन होगा. भगवान श्रीगणेश विशेष पोशाक में सोने के मुकुट धारण कर चांदी के सिंहासन में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे.
कोरोना महामारी के दो साल बाद छोटीकाशी में भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी बुधवार को भगवान गणेश के प्रिय वार बुधवार को गणेश जन्मोत्सव की उजास घर-घर से लेकर प्रतिष्ठानों और अन्य जगहों पर देखने को मिलेगी. परकोटे के विभिन्न गणेश पोलों पर भी नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की ओर से पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की जाएगी. जगह-जगह पंडाल बनाकर मिट्टी की प्रतिमाएं विराजमान की जाएगी. पर्व की पूर्व संध्या पर मोतीडूंगरी, नहर के गणेश जी, गढ़ गणेश, परकोटा गणेश सहित अन्य मंदिरों में विशेष रोशनी की गई.
ज्योतिषविदों के मुताबिक रवियोग, शुक्ल योग, चित्रा नक्षत्र सहित अन्य योग संयोग में पर्व मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि दस साल बाद बुधवार को पर्व का आना विशेष संयोग है. भगवान के प्रिय वार को पर्व का आना सभी राशि के जातकों के लिए सुख समृद्धि दायक रहेगा. शर्मा ने बताया कि चतुर्थी तिथि मंगलवार शाम 3.34 से बुधवार शाम 3.23 तक रहेगी.
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शर्मा ने बताया कि मध्यान्ह भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को होने से जन्मोत्सव घर-घर पूजा करके मनाया जाता है. दिन के 11.11 से दोपहर 1.43 तक श्रेष्ठ पूजन मुहूर्त रहेगा. 1 सितंबर को मोती डूंगरी गणेशजी के जन्मोत्सव के तहत भव्य लवाजमे के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी. यहां से हाथी, घोड़े, ऊंट और गाजे-बाजों के साथ सांगानेरी गेट, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए देर रात गढ़ गणेश मंदिर पहुंचेगी.
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 11 रैलिंग लगाई गई है. तख्तेशाही रोड पर और जेडीए सर्किल से गणेश मंदिर चौराहे तक बैरिकेट्स लगाए गए है, जहां से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा.
- जन्मोत्सव पर मंदिर में 5 लाइनों से भक्तों को एंट्री दी जाएगी.
- 6 लाइनों से एग्जिट दी जाएगी.
- 1 लाइन पास धारकों के लिए अलग से बनाई गई है.
- मंगला आरती सुबह 4 बजे, विशेष पूजन सुबह 11:20 बजे, श्रृंगार आरती 11:30 बजे, भोग आरती दोपहर 2:15 बजे, संध्या आरती शाम 7 बजे और शयन आरती रात 11:45 बजे होगी.
- मंदिर से बाहर से लाने वाला प्रसाद भगवान को नहीं चढ़ाया जाएगा, मंदिर में ही लड्डू भक्तों को दिए जाएंगे.
- एक सितंबर को गजानन शोभायात्रा निकाली जाएगी.
- शोभायात्रा में करीब 80 झांकियां होंगी, जिसमें 25 इलेक्ट्रॉनिक झांकियां होगी. एक बड़ी झांकी में गणेशजी ढोल नगाड़ा बजाते नजर आएंगे.
- आजादी के अमृत महोत्सव की झलक शोभायात्रा में दिखेगी.
महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में मेहंदी पूजन और सिंजारा उत्सव होने के बाद कल गणेश चतुर्थी उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए 30 अगस्त रात 12 बजे से 31 अगस्त रात 12 बजे तक दर्शन खुले रहेंगे. केवल बीच में कुछ मिनटों के लिए भगवान को भोग लगाने और उनकी पोशाक बदलने के लिए पट मंगल किए जाएंगे. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर मध्यान्ह काल में चतुर्थी होने से शास्त्रानुसार गणेश पूजन का श्रेष्ठ समय वृश्चिक लग्न मध्यान्ह काल में दिन के 11:11 से दोपहर 1:43 तक रहेगा. इसमें 11:58 से दोपहर 1:43 तक वृश्चिक लग्न है. इसके अलावा सुबह 6:09 से 9:18 तक लाभ, अमृत का, पूर्वान्ह में 10:53 से दोपहर 12:27 तक शुभ का और अपरान्ह 3:36 से शाम 6:45 तक चर, लाभ और श्रेष्ठ चौघड़िया पूजन होगा.
गणेश पूजन के लिए डंका, गुणधानी, सिंदूर सहित पूजन सामग्री खरीदी. गणेश चतुर्थी पर विघ्न विनायक को घरों और मंदिरों में स्थापित करने के लिए शहर की सड़कों और दुकानों पर गणपति बप्पा की प्रतिमाओं से सजी दुकानों से लोग प्रथम पूज्य की प्रतिमाएं घर ले गए. पर्यावरण के लिए अनुकूल होने के कारण गाय के गोबर और मिट्टी की प्रतिमाओं को लेकर इस बार अच्छा उत्साह दिखा. पांच, दस या इससे अधिक दिनों तक घर में गणेश पूजा करने वालों ने बड़ी प्रतिमाएं खरीदी.
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