Jaipur: हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद गोविंद देव जी मंदिर परिसर (Govind Dev Ji Temple Jaipur) से करीब 50 साल पुरानी दुकानों पर निगम हेरिटेज प्रशासन का बुलडोजर चला. गोविंददेवजी मंदिर के दरवाजे के पास वर्षों पुरानी 30 दुकानों को हटाया गया. वहीं दरवाजे के बाहर की करीब 6 दुकानों को सील किया गया है. दोपहर करीब 12 बजे भारी पुलिस बल के साथ नगर निगम का प्रर्वतन दस्ता गोविंद देव मंदिर पहुंचा. वहां जलेब चौक से आने वाले मुख्य प्रवेश द्वार पर बैरिकेड्स और पुलिस तैनात कर आम लोगों की आवाजाही रोक दी. इसके बाद प्रर्वतन दस्ते की टीम ने मंदिर परिसर में बनी दुकानों पर लगे तिरपाल हटाकर खाली करना शुरु कर दिया. इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई. 


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दुकान मालिकों के मौजूद नहीं होने पर निगम कर्मचारियों ने प्रत्येक दुकानदार के सामान को प्लास्टिक के कट्‌टों और तिरपाल में बांधकर उस पर स्याही से नाम अंकित कर दिया. इन कट्‌टों को ट्रकों में लोड कर भेजना शुरु कर दिया. इस बीच निगम की कार्रवाई की सूचना पर दुकान मालिक भी मंदिर पहुंचे. वहां खुद ही सामान हटाने में जुट गए. इस बीच दुकान मालिकों और उनके साथ आए परिजनों की आंखों से आंसू भी निकलने लगे. भारी संख्या में पुलिस बल देखकर वे विरोध नहीं कर सके.


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नगर निगम के प्रर्वतन दस्ता उपायुक्त इस्लाम खान ने बताया कि 2009 में सिविल रिट याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच ने गोविंद देव मंदिर परिसर में मुख्य प्रवेश द्वार के अंदर और बाहर बनी दुकानों को अवैध माना. इनको अतिक्रमण कर कब्जा मानते हुए हटाने का आदेश वर्ष 2014 में दिया. साथ ही इनको नजदीक ही पुनर्वास करने की बात भी कही. यह मामला अधर झूल में लटका हुआ था. पिछले सात साल से नगर निगम इन दुकानों को हटा नहीं सका था. अपनी सर्वे रिपोर्ट में नगर निगम ने मंदिर परिसर में अंदर बनीं 35 दुकानों को सर्वे में कब्जाशुदा माना. 


इसके अलावा बाहर की दुकानें भी कब्जे में मानीं. इनको नोटिस कर खाली करने की बात कही गई. इसके अलावा माणक चौक थाना पुलिस के माध्यम से भी खुद ही दुकानें खाली कर कब्जा हटाने की समझाइश की गई लेकिन दुकानदारों ने कब्जा नहीं हटाया. इस पर छह दुकानों को सील कर दिया. इन सभी दुकानदारों को गौरांग महाप्रभु मंदिर के पास बनी दुकानों में शिफ्ट किया गया है, जिनका पिछले दिनों लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया गया था.