Jaipur news: राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि शिक्षा महिलाओं को सशक्त करने का श्रेष्ठ माध्यम है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं का नामांकन पुरुषों की तुलना में बहुत कम है, इन भेद को समाप्त करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास करने की जरूरत है. राज्यपाल मिश्र रविवार वनस्थली विद्यापीठ के 39 वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने 126 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.


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इस अवसर पर वनस्थली विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रो.सिद्धार्थ शास्त्री ने 4,864 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं, जिनमें 311 दीक्षार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ की धर्मपत्नी सुदेश धनकड़ भी मौजूद रहीं. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की धर्मपत्नी सुदेश धनकड़ को भी पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिन्होंने हाल ही में अपना शोध कार्य पूर्ण किया है.


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राज्यपाल ने महात्मा गांधी का यह कथन उद्धृत किया कि अगर किसी परिवार में एक महिला शिक्षित हो जाती है तो उससे दो परिवार लाभान्वित होते हैं. उन्होंने कहा कि वनस्थली विद्यापीठ आज के समय का ऐसा शिक्षण संस्थान है, जो यहां आने वाली छात्राओं को वृक्षों से घिरे इस रमणीय स्थल पर ज्ञान संपन्न बनाता है. मिश्र ने कहा कि उन्हें वनस्थली विद्यापीठ की पंचमुखी- बौद्धिक, व्यावहारिक, कलात्मक, नैतिक एवं शारीरिक शिक्षा पद्धति बहुत उपादेयी लगती है. शिक्षा के इस संयोजित स्वरूप से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है. 


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उन्होंने कहा कि यह विद्यापीठ महज 5 छात्राओं के साथ शुरू हुई और आज इसकी पहचान विश्व के सबसे बड़े महिला आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में है, यह गर्व की बात है. विद्यापीठ में छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए घुड़सवारी, ग्लाइडर और हवाई जहाज आदि का प्रशिक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण पहल है. राज्यपाल ने पंडित हीरालाल शास्त्री, रतन शास्त्री समेत वनस्थली विद्यापीठ की स्थापना और इसे महान बनाने में योगदान देने वालों को साधुवाद दिया.