Jaipur News: राजस्थान में सरपंचों का एक धड़ा आंदोलन की राह पर चला पड़ा. जबकि दूसरा धड़े की सरकार से सकारात्मक वार्ता होने पर आश्वासन मिला है कि जल्द ही मांगे मानी जाएंगी. आखिरकार गांव के मुखिया क्यों आपस कैसे आपस में उलझे हुए. राजस्थान में गांव की सरकार उलझन में दिखाई दे रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



आधी सरकार आंदोलन पर उतारू है, जबकि बाकी आधी सरकार राज्य सरकार से वार्ता से पूरी तरह से संतुष्ट है. सबसे खास बात ये है कि दोनों ही संगठनों की मांग एक जैसी है, लेकिन राहे बिल्कुल अलग है. सरपंचों का एक संगठन सरपंच संघ ने आज प्रदेशभर की पंचायतों पर तालाबंदी कर दी है. ये तालाबंदी एक दिन के लिए सांकेतिक रूप से की जा रही है. 


यह भी पढ़ें- Sikar News: श्रीमाधोपुर थाना पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई


10 जुलाई को पंचायत समिति स्तर पर धरना दिया जाएगा. 12 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों पर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव होगा. लेकिन सरपंचों का दूसरा धड़ा राष्ट्रीय सरपंच संघ की मंत्री मदन दिलावर से वार्ता हो चुकी है, जिसमें आश्वासन मिला है. पंचायतों का बजट 15 जुलाई तक आ जाएगा. बाकी बची हुई राशि जुलाई के आखिरी तक खातों में पहुंचेगी.


यह भी पढ़ें- Barmer News: लूट व मारपीट के मामले में पुलिस ने दिखाई तत्परता


एक जैसी दोनों धड़ों की मांगे


राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग, मनरेगा सामग्री का 2 साल का अटका हुआ हो. खाद्य सुरक्षा का पोर्टल खोला जाए. यह 2011 के आंकड़ों के अनुसार चल रहा है, इसमें पोर्टल को खोलकर नए पात्र परिवारों को जोड़ा जाए. प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृतियां 2021 के बाद जारी नहीं हुई है. 


यह भी पढ़ें- Karauli News: शहरी के निचले इलाके सहित ग्रामीण के कई स्थानों पर हुआ जलभराव


ऐसे लाखों पात्र परिवार प्रधानमंत्री आवास के इंतजार में बैठे हुए हैं. पात्र परिवारों को जल्द आवास मुहैया करवाया जाए. मंत्री मदन दिलावर ने आश्वासन दिया है कि 1100 करोड़ के बजट की राशि पंचायतों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी. अब ऐसे में देखना होगा कि गांव के विकास के नाम पर सरपंचों के रास्ते किस तरफ जाते हैं.