Bagru, Jaipur: राजस्थान प्रदेश के लिए एक कहावत मशहूर है सात वार और नौ त्यौहार मरू प्रदेश में आए दिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी क्षेत्र में मनाए जाने वाले त्यौहार और मेले इस कहावत को चरितार्थ भी करते है, राजस्थान के अलग अलग हिस्सा में कई विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक मेलों का आयोजन किया जाता रहा है, राजस्थान के इन त्यौहारों और मेलों की रंगत के चलते ही इस प्रदेश म्हारो रंग रंगीलो राजस्थान की संज्ञा मिली है, राजधानी जयपुर के बगरू कस्बे में चैत्र माह की पूर्णिमा से आरंभ होने वाला प्राचीन श्री जुगल महाराज का तीन दिवसीय मेला अपने आप में अनोखा है. 


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 6 अप्रैल से 8 अप्रैल तक चलेगा मेला
इस बार यह तीन दिवसीय लख्खी मेला 6 अप्रैल से 8 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है, हमारे स्थानीय संवाददाता ने श्री जुगल दरबार मेले समिति, नगर पालिका प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया. बगरू कस्बे के किले की प्राचीर के बना जुगल महाराज का यह मंदिर अपने आप में अनोखा है, यहां भगवान विष्णु के दोनों अवतार भगवान राम और कृष्ण सपत्नीक विराजमान है, माना जाता है कि राजस्थान में ऐसा यह एकमात्र प्राचीन मंदिर है.


3 दिन तक श्री जुगल सरकार करेंगे वन विहार
मंदिर में बगरू के आराध्य जुगल दरबार की पूजा पाठ का जिम्मा बागड़ा ब्राह्मण समाज के लोगों ने संभाल रखा है, जिन्हें आदर से श्रद्धालु पंडा जी कहकर संबोधित करते है, वर्तमान ने मंदिर सेवायत पुजारी नवल किशोर बागड़ा बताते है कि करीब 450 साल से वन विहार के रूप में इस तीन दिवसीय प्राचीन मेले की परंपरा चली आ रही है, चैत्र मास की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष यह मेला आयोजित किया जाता है, जो इस बार यह मेला 6 से 8 अप्रैल तक लगेगा, इस दौरान जुगल दरबार तीन दिन तक अपने निज मंदिर को छोड़कर कस्बे के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय प्रांगण में वन विहार करेंगे.



पूर्णिमा को निकलेगी श्री जुगल सरकार की पालकी
मेले का विधिवत आगाज पूर्णिमा को सवेरे श्री जुगल सरकार के निज मंदिर से पालकी में सवार होकर वन विहार के लिए प्रस्थान करते के साथ ही हो जाता है, दोपहर तक जुगल दरबार मेला प्रांगण पहुंचते है और फिर शुरू होता उमंग और उत्साह का उत्सव, इस तीन दिवसीय मेले के दौरान अस्थाई मंदिर प्रांगण में दर्शनार्थियों के लिए श्री जुगल दरबार मेला समिति की ओर से विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, अलगोजा वादन इसमें लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है. तीन दिवसीय इस लख्खी मेले के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की जानमाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है पुलिस प्रशासन पर, पुलिस प्रशासन को ही सबसे ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है.


मेले में होंगी ये व्यवस्थाएं
मेले के आयोजन श्री जुगल दरबार मेला समिति ओर नगर पालिका प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में किया जाता है, दोनों की अपनी अपनी जिम्मेदारियों तय की गई है, मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुख सुविधाओं का पूरा इंतजाम नगर पालिका प्रशासन करता है, अधिशाषी अधिकारी मोनिका सोलंकी ने बताया कि मेला मैदान में लगने वाले झूला-चक्करी, सर्कस, दुकानें आदि को स्थान आवंटन, बिजली, पानी, टेंट, सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे, अग्नि शमन वाहन, एंबुलेंस आदि की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई है, मेले के दौरान व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है.


ये रहेंगे आकर्षण का केन्द्र
मेला देखने आने वाले लोगों में झूला चक्करी, सर्कस आदि मनोरंजन के संसाधनों के प्रति विशेष आकर्षण रहता है, लेकिन कई बार इन मनोरंजन के संसाधनों की टिकट दरें ज्यादा होने के कारण कई लोग इनका भरपूर आनंद नही ले पाते है, इस बार नगर पालिका प्रशासन ने इसको लेकर अलग इंतजाम किए है, पालिकाध्यक्ष मालूराम मीणा ने बताया की इस बार मेला मैदान में झूला-चक्करी, सर्कस सहित अन्य सभी मनोरंजन के साधनों के संचालकों को नगर पालिका की ओर से तय की गई दरों के अनुसार ही टिकट दरें लेने के लिए अनुबंधित किया गया है, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा मेले का आनंद उठा सकें.



पुलिस प्रशासन की रहेगी पूरी तैनाती
एसीपी बगरू अनिल शर्मा ने बताया कि लाखों लोगों की इस भीड़ में हर वर्ग, हर उम्र का व्यक्ति शामिल होता है जिसमे बच्चे, बूढ़े और महिलाओं की सुरक्षा एक चुनौती पूर्ण करे होता है, मेले में आने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो उनके साथ किसी तरह की अप्रिय घटना ना घटित हो इसको लेकर पुलिस प्रशासन के सुरक्षा के कड़े इताजम किए है, नगर पालिका के सहयोग से पूरे मेला मैदान में जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है वही ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जायेगी, सादा वर्दी में पुलिस के महिला और पुरुष जवानों को तैनात किया जाएगा, साथ ही पुलिस मित्र टीम के करीब 50 सदस्य पूरे समय मुस्तैद रहेंगे.


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