Jaipur: पाकिस्तान से पलायन कर भारत आए और यहां की नागरिकता हासिल कर चुके पड़ोसी देश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों के मेडिकल स्नातकों को भारत में ‘प्रैक्टिस’ करने की छूट दी गई है . इसके लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने उस प्रस्तावित परीक्षा से जुड़े दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया था.


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नर सेवा करने का सपना राजस्थान में पूरा होगा


सरकार का यह कदम उन चिकित्सा स्नातकों के लिए उम्मीद की एक नई किरण की तरह होगी जो पाकिस्तान से भारत आने के बाद देश में कानूनी रूप से चिकित्सक के तौर पर सेवा नहीं दे पा रहे हैं. पाकिस्तान में डॉक्टरी करने वाले 25 से अधिक चिकित्सकों का नर सेवा करने का सपना राजस्थान में पूरा हो सकेगा.


चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू 


केंद्र की मंजूरी के बाद राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने पहल करते हुए पाक विस्थापित हिन्दू चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है. काउंसिल की तरफ से अब तक 27 चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. जिसके बाद ये सभी चिकित्सक मरीजों की सेवा करने के लिए पात्र हो गए है.पड़ोसी मुल्क पाक के हालात किसी से छिपे नहीं है. आए दिन हिंसा, गोलीबारी और आतंकवाद पाकिस्तान की पहचान बन चुकी है. इस पहचान ने वहां निवासरत हिन्दू नागरिकों की जिंदगी मुहाल कर रखी है.


आयोजित हुआ था  प्रोफेशनल एबिलिटी टेस्ट 


ना तो वे खुद सुरक्षित महसूस करते है और न ही परिवार. कुछ इसी तरह की पीड़ा लेकर काफी संख्या में हिन्दू नागरिक भारत में शरण ले रहे हैं. इनमें से कई लोग ऐसे है, जो चिकित्सकीय पेशे से जुड़े है. लेकिन नियम कायदों के चलते कई साल भारत में रहने के बावजूद ये चिकित्सक प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे.हाल ही में केन्द्र सरकार ने इन चिकित्सकों की पीड़ा को समझते हुए प्रोफेशनल एबिलिटी टेस्ट आयोजित करवाया.


इस टेस्ट में पास होने के साथ ही अब पाक विस्थापित चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई है. इस पूरे काम में राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ मनीष शर्मा ने विशेष भूमिका निभाई. जिन्होंने खुद एनएमसी से लगातार संवाद बनाया, दिल्ली दौरे पर गए, जिसके बाद ही चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन का सपना पूरा हो सका.


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