Jaipur: राजस्थान विश्वविद्यालय से पढ़ रहे स्टूडेंट्स को नहीं मिल रहा रोजगार, बंद हो रहे प्रोफेशनल कोर्स
Jaipur News: प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय से शिक्षा ले रहे बे-रोजगार स्टूडेंट्स रोजगार नहीं मिलने से उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं तो, राजस्थान विश्वविद्यालय रोजगारपरक प्रोफेशनल कोर्स भी बंद होते जा रहे हैं, और जो कोर्स बच रहे हैं उनमें स्टूडेंट्स रुचि नहीं दिखा रहे.
Jaipur: प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय से शिक्षा ले रहे बे-रोजगार स्टूडेंट्स रोजगार के लिए तरस रहे हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय रोजगारपरक प्रोफेशनल कोर्स नहीं चला पा रहा है. आज भी बरसों पुराने नियमित पाठ्यक्रम चल रहे है, जिसके कारण रोजगार मिलना मुश्किल हो गया हैं. छात्रों को रोजगार देने के मकसद से कई सालों पहले प्रोफेशनल कोर्स शुरू किए गए थे लेकिन पांच वर्षों में कई प्रोफेशनल कोर्सेज को बंद कर दिया गया है. अब साल दर साल दो से तीन कोर्स बंद हो रहे है. जो कोर्स बच रहे हैं उनमें स्टूडेंट्स रूचि नहीं दिखा रहे हैं.
राजस्थान विश्विद्यालय में पढने वाले स्टूडेंट्स का अब प्रोफेशनल कोर्सेज से मोहभंग होता जा रहा है. इस असल कारण धीरे-धीरे प्रोफेशनल कोर्सेज का कम होना हैं. एक समय था जब रोजगार देने के मकसद से प्रोफेशनल कोर्सेज शुरू हुए तो स्टूडेंट्स को उम्मीद जगी थी अब उन्हे रोजगार मिलेगा.लेकिन साल दर साल प्रोफेशनल कोर्सेज बंद होने से उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं.
कई कोर्स किए गए हैं बंद- प्रो नरेश मलिक
राजस्थान विश्वविद्यालय के स्टूडेंट वेलफेयर के डीन प्रो नरेश मलिक का कहना है कि पिछले 7 सालों में राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा कई कोर्सेज को बंद कर दिया गया है. जैसे की एमएसडब्लयू,वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट,डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस साथ ही वाण्ज्यि के भी कई कोर्सेज को बंद कर दिए है. प्रो नरेश मलिक ने बताया कि उनका मानना है कि इन कोर्सेज को वापस शुरू कर देना चाहिए. इनको डायरेक्ट विद्यार्थी से जोड देना चाहिए.
इस वजह से बंद हो रहे कोर्स
विश्वविद्यालय डीन डिर्पाटमेंट के डीन नरेश मलिक ने इन कोर्सेज के बंद होने का एक मुख्य कारण बताया कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की कमी के कारण यह कोर्स विश्वविद्यालय ने बंद कर दिए है. सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है. जैसे इंदिरा गांधी रोजगार गारंटी योजना जैसी योजनाओं के साथ नहीं जोडा जाता है.यह जो कोर्सेज बंद किए है इससे लोगों को रोजगार तो मिल ही सकता है साथ साथ प्रदेश के विकास में भी काम आ सकते है. जैसे कि वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट का कार्स कर छात्रों को रोजगार देने से प्रदेश में आ रही पानी की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. ऐसे प्रोफेशनल कोर्स को सरकार की योजनाओं के साथ जोडकर अच्छे व्याख्ताओं को विश्वविद्यालय से जोडकर इन कोर्सेज को फिर से शुय किया जाए ताकि राजस्थान विश्वविद्यालय में पढ रहे छात्रों को भी रोजगार मिल सके.
प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश नहीं लेने के 2 बडे कारण है. पहला बडा कारण है छात्रों में जानकारी का अभाव. विश्वविद्यालय में चल रहे प्रोफेशनल कोर्सेज का ठीक से प्रचार प्रसार नहीं किया जाता है, जिसके कारण सीटें खाली रहा जाती है तो कोर्सेज को आगे चलकर बंद करना पडता है. दूसरा बडा कारण है विश्वविद्यालय में फैक्लटी की कमी. विश्वविद्यालयों में व्याख्ताओं की कमी होना कोर्सज को बंद करने का बडा कारण है.
नहीं मिल रहा पर्याप्त रोजगार
लॉ,सेंटर फॉर कन्वर्जिंग टेक्नोलॉजी,बीबीए,बीसीए,सेंटर फॉर एन्टरप्रेन्योरशिप कोर्स का स्ट्रक्चर भी तैयार हो गया है,एमबीए,पब्लिक हैल्थ न्यूट्रिशियन,डिप्लोमा इन काउंसलिंग,विज्ञान व कॉमर्स,कॉमर्स के कुछ अधिक प्रोफेशनल कोर्सेज. राजस्थान विश्वविद्यालय में पढने वाले छात्र अमरदीप परिहार का कहना है कि विश्वविद्यालय प्लेस्मेंट देने में नाकाम रहा है इसके कारण कई छात्र अन्य प्राइवेट संस्थानाओं में ऐडमिशन ले रहे है.प्रदेश के अंदर मेगा जॉब रोजगार मेले लगाए जा रहे है उसी तरीके से महाविद्यालयों के सभी संघटकों को रोजगार मेले का आयोजन करना चाहिए ताकि विश्वविद्यालय में पढने वाले छात्रों को रोजगार मिल सके. ऐसे में यह बडा सवाल उठता है कि छात्रों को रोजगार कैसे मिलेगा? क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन केवल छात्रों को डिग्री बांटने का काम कर रहा है.
Reporter- SACHIN SHARMA
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