Jaipur: जवाहर कला केंद्र में हुआ `पुकार` नाटक का मंचन, रंगायन में गूंजी कुरीतियों से त्रस्त समाज की पुकार
जवाहर कला केंद्र के रंगायान सभागार में शुक्रवार को `पुकार` नाटक का मंचन हुआ. डॅा. सौरभ भट्ट के निर्देशन में रंगकर्मियों ने कुरीतियों से त्रस्त समाज की व्यथा जाहिर की. पाक्षिक नाट्य योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया.
Jaipur: जवाहर कला केंद्र के रंगायान सभागार में शुक्रवार को 'पुकार' नाटक का मंचन हुआ. डॅा. सौरभ भट्ट के निर्देशन में रंगकर्मियों ने कुरीतियों से त्रस्त समाज की व्यथा जाहिर की. पाक्षिक नाट्य योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. 'पुकार' तपन भट्ट द्वारा लिखित कहानी पर आधारित है. गांव का सरपंच नान का लोगों की भलाई के लिए तत्पर रहता है.
नानका समाज के दबाव में एक गलत कदम उठाता है, उसकी पत्नी धानका के दिमाग पर इसका गलत असर पड़ता है. इलाज के लिए ओझा को बुलाया जाता है और ओझा सरपंच की नब्ज टटोलता है. इसके बाद नानका अपने फैसलों के बारे में बताता है. वह बाल विवाह औऱ नाता रोकता है, विधवा विवाह करवाता है. इसी बीच वह ऑनर किलिंग के आरोपियों को बचा बैठता है.
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इसके बाद धानका खुलासा करती हैं कि यह बात सामने लाने के लिए ही वह पागल होने का नाटक कर रही होती हैं. कहानी पुकार है उस पेड़ की जिस पर जाति-वर्ग का भेद मिटाकर प्रेम करने वालों को इज्जत के नाम पर फंदा लगा दिया जाता है. डॉ. सौरभ भट्ट, विशाल भट्ट और अन्नपूर्णा ने क्रमशः ओझा, सरपंच और सरपंच की पत्नी का रोल अदा किया. कुल 20 कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक में जान डाली है.
Reporter: Anup Sharma
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