Jaipur: राजधानी जयपुर में दो दिवसय तीज फेस्टिवल का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सोमवार को राजधानी में बूढ़ी तीज की शाही सवारी निकाली गई. इस शाही सवारी में शामिल होने के लिए देश-विदेश से पर्यटक शामिल होने जयपुर पहुंचे है. 


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 बूढी तीज पर्व को लेकर जयपुर वासियों में इस बार खासा उत्साह दिखा. जयपुर के सिटी पैलेस के जनाना ड्योढ़ी में पूजा अर्चना के बाद कोरोना के दो साल बाद शाही ठाठ बाठ के साथ बूढी तीज माता की सवारी, त्रिपोलिया गेट से निकाली. सुर्ख लाल परिधान में कीमती आभूषणों से सजी बूढ़ी तीज माता चांदी की पालकी में विराजमान देख लोगों ने तीज माता के दर्शन कर पुष्प बरसाए और सुख, सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा. 


बैंड बाजा,हाथी,घोड़ा, शाही लवाजमें के साथ बूढ़ी तीज माता चांदी के पालकी पर सवार होकर त्रिपोलिया गेट से रवाना होकर छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकोटरा पहुंची. पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित तीज फेस्टिवल कार्यक्रम के दौरान 150 से अधिक राजस्थान के अलग-अलग जिलों से आए कलाकारों ने राजस्थान की लोक कला संस्कृति की छटा बिखेरी.


 इस बार खासतौर से मयूर नृत्य और तेहरताली नृत्य को पहली बार में इस यात्रा में शामिल किया गया था. वहीं, ऊंट गाड़ी पर राधा कृष्ण की झांकी भी आकर्षण का केंद्र रही. इसके अलावा राजस्थान के प्रसिद्ध मागणियार, कालबेलिया, गैर नृत्य, बहरूपिया मशक वादन कठपुतली नृत्य रावण हत्था वादन कच्ची घोडी व अलगोजा नृत्य और अलग-अलग बैंड ग्रुप अनेक लोक कलाकारों अलग-अलग ग्रुप में इस तीज की शाही सवारी में शामिल होकर प्रस्तुतियां दी.


जयपुर पर्यटन विभाग की तरफ से विदेशी मेहमानों के लिए शाही सवारी को देखने के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने ऊपर की तरफ बरामदे में बैठने की व्यवस्था भी की गई.  साथ ही आमजन के लिए नीचे सड़क की तरफ बेरीकेट लगाया गया.  इस दौरान पुलिस प्रशासन के जरिए भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए.


 पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि, पर्यटन विभाग की तरफ से दो दिवसीय तीज फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. 


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