सावधान! अमेरिका के डॉक्टर का दावा, बच्चों में हो सकते है ओमिक्रोन के ये नए लक्षण
कोरोना के मामलों को लेकर अगर विश्लेषण किया जाए तो आंकड़े यही बताते है कि हमें खुद के साथ-साथ बच्चों के लिए भी सतर्क रहने की जरूरत है
Jaipur: राजस्थान में दबे पांव कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि देश दुनिया में खतरा बने हुए कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के सबसे अधिक मामले भी राज्य की राजधानी जयपुर में पाए गए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि राजस्थान (Rajasthan News) में कोरोना बच्चों को लगातार अपनी जद में ले रहा है. कोरोना के मामलों को लेकर अगर विश्लेषण किया जाए तो आंकड़े यही बताते है कि हमें खुद के साथ-साथ बच्चों के लिए भी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि बड़ों के वैक्सीन (Corona Vaccine) की डोज लग चुकी है लेकिन 18 वर्ष से कम उम्र के श्रेणी में अभी वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है.
अमेरिका की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी चिल्ड्रन्स हौस्पिटल के चिकित्सक और भारतीय मूल के चिकित्सक डॉ अक्षत जैन का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है. राजस्थान के रहने वाले डॉ अक्षत जैन शिशु रोग विशेषज्ञ है जिन्होंने दावा किया है कि ओमिक्रोन बच्चों को अपनी जद में ले सकता है. डॉ जैन ने बताया कि इस नए वेरिएंट से संक्रमित कुछ बच्चों का इलाज उन्होंने अमेरिका में किया है. डॉ जैन ने बताया कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में कोरोना के लक्षण अलग तरह से दिखाई दे रहे हैं. बड़ों में कोरोना लंग्स पर असर डाल रहा है तो बच्चों में कोरोना बच्चों के हार्ट पर असर कर रहा है.
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ओमिक्रोन के नए लक्षण की बात करें तो बच्चों में बुखार, स्किन पर रैशज हो जाना और रात को तेज पसीने आ जाना, ये नए लक्षण अगर किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को है तो उसे तुरंत कोरोना जांच करानी चाहिए क्योंकि 48 घंटों के अंदर यदि कोरोना की जांच की पुष्टि हो जाए तो MIS-C यानि मल्टीसिस्टम इंफ्लामेंट्री सिंड्रोम की रोकथाम संभव है. जल्द से जल्द जांच होने पर बच्चों को MIS-C से बचाया जा सकता है ताकि ताउम्र उनके हार्ट को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए IVIG मेडिसिन दी जाती है ताकि बच्चे की जिंदगी को बचाया जा सके.
-राजस्थान के चिकित्सा विभाग (Medical Department of Rajasthan) ने 1 नवंबर से लेकर 13 दिसम्बर के बीच कोरोना संक्रमितों के केसेज को लेकर एक विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की है. ये रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान कोरोना संक्रमित हुए लोगों में 19 फीसदी उस उम्र श्रेणी के है जो 19 वर्ष से कम उम्र के थे और 19 से अधिक उम्र के 81 फीसदी केस थे.
-सबसे ज्यादा कोरोना से 30 से 39 उम्र के युवा संक्रमित, इनकी संख्या 18 प्रतिशत. इन 42 दिनों में प्रदेश में 647 कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) आए हैं. इसमें 381 पुरुष तो 266 महिला शामिल.
-इस दौरान प्रदेश में 0 से 19 साल के 124 बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए. इस दौरान में 70 से 79 उम्र के 5.41 प्रतिशत, 60 से 69 के 12.52 प्रतिशत, 50 से 59 उम्र के 11.75 प्रतिशत, 40 से 39 साल के 17.16 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए
-राजधानी जयपुर में 42 दिन में 55 स्कूली बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए
-ओमिक्रॉन वेरिएंट से 14 संक्रमितों में से 5 बच्चे हैं. जिनकी उम्र 18 साल से कम
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डॉ केके शर्मा, जन स्वास्थ्य निदेशक राजस्थान ने बताया कि कोरोना के मामले राजस्थान में बहुत ज्यादा नहीं आ रहे है इसलिए अधिक चिंता की बात नहीं है लेकिन सतर्क रहना जरूरी है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सचेत है और सैंपलिंग की संख्या तेज की गई है. साथ ही जो पॉजिटिव केस आ रहे है उनका जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) भी करवाई जा रही है ताकि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का समय से पता चल सके क्योंकि ओमिक्रोन की इनफेक्टिविटी ज्यादा है.