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बिना कन्या पूजन नहीं होगी शुभ फल प्राप्ति, जानिए मां सिद्धिदात्री पूजन की सही विधि

Jaipur: शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है. नवरात्रि में नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि माता की कृपा और पूजा-अर्चना से आठों सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं.

 

कन्या पूजन से मोक्ष की प्राप्ति

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कन्या पूजन से मोक्ष की प्राप्ति

साथ ही जो भक्त कन्या पूजन कर नवरात्रि के व्रत का समापन करता है, उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है तो, चलिए जानते है नवरात्रि के नौवें दिन की पूजा विधि और महत्व के बारे में-

मां सिद्धिदात्री का वर्णन पुराणों में

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मां सिद्धिदात्री का वर्णन पुराणों में

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. मां के इस स्वरूप में आदिशक्ति की नौ शक्तियां विद्यमान हैं. इनके पूजन से जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया यह स्वरूप

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सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया यह स्वरूप

मां का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया है. मां के पास गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, वशित्व, प्राकाम्य, महिमा, अणिमा और ईशित्व यह आठ सिद्धियां हैं. यह सभी सिद्धियां माता की कृपा और  पूजा से प्राप्त की जा सकती हैं.

 

जाने मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

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जाने मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

बैंगन या जामुनी रंग के वस्त्र धारण कर पूजा करें. मां को इस दिन हलवा, पूड़ी, सब्जी, खीर, काले चने, फल और नारियल का भोग लगाना चाहिए. मां के वाहन, योगिनियों, हथियार और अन्य देवी-देवताओं के नाम से हवन-पूजन करना उत्तम माना जाता है. इससे माता की कृपा प्राप्त होती है और भाग्य का भी उदय होता है. 

बिना कन्या पूजन शुभ फल प्राप्ति नहीं

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बिना कन्या पूजन शुभ फल प्राप्ति नहीं

मां की शास्त्रीय विधि से पूजा के बाद कन्या पूजन करना चाहिए. बिना कन्या पूजन के नवरात्रि का शुभ फल प्राप्त नहीं होता.