REET समेत अन्य परीक्षाओं में नकल रोकेगी पुलिस, SOG में नकल निरोधक इकाई का होगा गठन
राजस्थान में परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक (REET Paper Leak) रोकने और नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई, प्रभावी जांच के लिए नकल निरोधक इकाई का गठन करने की तैयारी है. एसओजी (SOG) में निरोधक ईकाई का गठन किया जाएगा.
Jaipur: राजस्थान में परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक (REET Paper Leak) रोकने और नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई, प्रभावी जांच के लिए नकल निरोधक इकाई का गठन करने की तैयारी है. एसओजी (SOG) में निरोधक ईकाई का गठन किया जाएगा. पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने इस सम्बंध राज्य सरकार (Gehlot Sarkar) के पास प्रस्ताव भेजा है. राज्य (Rajasthan News) के अगले बजट (Budget Expectation) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot On Budget) के इसकी घोषणा करने की संभावना हैं.
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राजस्थान में परीक्षाओं (Rajasthan Exams) में नकल की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. प्रतियोगी परीक्षाओं (competitive exams) में नकल माफिया तरह-तरह के तरीकों से नकल करवाकर अभ्यर्थियों से चयन करवाने के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने और नकल करवाने के सामने सामने आ रहे हैं. हालात यह है कि नकल माफिया संगठित रूप से नकल कराने का काम कर रहे हैं.
इस कार्य में बडे़-बडे़ गिरोह पनप गए हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों से लेकर विभिन्न पेशे से जुड़े लोग नकल के इस गोरख धंधे में घुस गए हैं. इन प्रतियोगी परीक्षाओं में हजारों लाखों की तादाद में परीक्षार्थी भाग लेते हैं. परीक्षाएं निष्पक्ष रूप से सम्पादित किया जाना वर्तमान में एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
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अब तक की पुलिस जांच में सामने आया कि माफिया किस तरह से परीक्षार्थियों का चयन करवाने का प्रयास करते हैं. इनमें प्रमुख तरीके इस प्रकार हैं
- 1. परीक्षा से पूर्व पेपर आउट कर परीक्षार्थियों को पेपर उपलब्ध करवाना
- 2. अभ्यर्थी की जगह पर डमी अभ्यर्थी बिठाना, परीक्षा केन्द्र पर उत्तर कुंजी उपलब्ध करवाना
- 3. परीक्षार्थी से ओएमआर शीट खाली रखवा कर परीक्षा केन्द्र के अन्दर ही परीक्षा के बाद वीक्षकों द्वारा ओएमआर शीट भरवाना
- 4. नकल माफियाओं द्वारा परीक्षा केन्द्र पर फर्जी वीक्षक की ड्यूटी लगवाना एवं उससे पेपर में नकल करवाना
- 5. ब्लूटूथ द्वारा नकल करवाना आदि प्रमुख तरीके सामने आए हैं
-6. रीट (REET) में नकल गिरोह का खुलासा होने के बाद एसओजी में नकल निरोधक ईकाई को स्थापित समय की जरूरत बताई गई है.
- 7. इस ईकाई में नकल रोकने की विशेषज्ञता रखने वाले अधिकारी, विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे
- 8. ये अधिकारी परम्परागत और आधुनिक तरीके से नई तकनीकी साधनों का सदुपयोग करते हुए इस संगठित अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाएं
नकल विरोधी ईकाई के ये प्रमुख कार्य रहेंगे
-1. नकल गिरोह में शामिल अपराधियों एवं संदिग्धों के डेटा रखना
-2. सभी जिलों से ऐसे अपराधों के रिकॉर्ड प्राप्त कर उनका विश्लेषण करना
-3. जिलों में दर्ज होने वाले अपराधों में आवश्यक राय प्रदान करना एवं उनका पर्यवेक्षण करना
-4. विभिन्न संस्थाओं और एजेन्सीयों में समन्वय स्थापित करना.
-5. विभिन्न नकल गिरोह के अपराधों का अन्वेषण करना.
नकल निरोधक ईकाई के गठन पर पद और सालाना खर्च
राज्य सरकार (Gehlot Sarkar) को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार नकल निरोधक ईकाई के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक उप अधीक्षक पुलिस, तीन पुलिस निरीक्षक तथा पांच एसआई, दो एएसआई, 1 हैडकांस्टेबल तथा 14 कांस्टेबल और 7 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों सहित 27 पद मांगे गए हैं. इन पदों पर तीन करोड़ 36 लाख रुपए का सालना खर्च होगा.
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इस यूनिट के लिए पांच नकल निरोधक यूनिट के लिए तीन चार पहिया वाहन, तीन मोटरसाइकिल के साथ फर्नीचर, वायरलेस सेट सहित अन्य संसाधनों की मांग की गई है. इनमें वाहनों करीब 30 लाख रुपए तथा संसाधनों पर 35 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है.